केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी हालिया बैठक में 7 अहम फैसलों को मंजूरी दी है। इसका मकसद कृषि संबंधी गतिविधियों को मदद मुहैया कराना और देशभर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन उपायों का मकसद कृषि क्षेत्र की मदद करना, सतत विकास को बढ़ावा देना और सभी नागरिकों के लिए भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
मंत्री के मुताबिक, इन 7 प्रोजेक्ट्स पर कुल 13,966 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वैष्णव ने कहा, ' किसानों की जिंदगी बेहतर बनाने और उनकी इनकम बढ़ाने के लिए कैबिनेट की बैठक में 7 अहम फैसले लिए गए हैं। पहला फैसला डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से जुड़ा है। इसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन पर 2817 करोड़ का निवेश किया जाएगा।'
किसानों को मोदी सरकार की सौगात
1- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य, पोषण के फसल विज्ञान के लिए 3,979 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी।
2- 2,817 करोड़ रुपये के डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी।
3- मंत्रिमंडल ने कृषि शिक्षा और प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए 2,292 करोड़ रुपये के प्रावधान वाले कार्यक्रम की मंजूरी दी।
4- टिकाऊ पशुधन स्वास्थ्य के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी।
5- बागवानी के विकास के लिए 860 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई।
6- कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए 1,202 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा।
7- प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए 1,115 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी।
-केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए केनेस सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित इकाई 3,300 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी। इस इकाई की रोजाना क्षमता 60 लाख चिप होगी।
-कैबिनेट ने 309 किलोमीटर लंबी नई लाइन परियोजना को मंजूरी दी। इसके जरिये दो प्रमुख कमर्शियल सेंटरों मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी मुहैया कराई जाएगी।