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PM Modi और उनकी सरकार ने बुद्धिज्म को दिया बढ़ावा, कांग्रेस अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खड़गे का पकड़ा गया झूठ

प्रधानमंत्री के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष के आरोप के बावजूद सरकारी सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी के काम शब्दों से ज्यादा जोर से बोलते हैं। बौद्ध समुदाय के नेता भी सामने आए हैं। उन्होंने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बौद्ध धर्म का उपयोग करने के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रयास की निंदा की है। जानिए पूरा मामला क्या है

अपडेटेड Apr 27, 2024 पर 11:36 AM
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सरकारी अधिकारियों का कहना है कि बौद्ध धर्म को लेकर पीएम मोदी ने जितना काम किया, वह शब्दों से अधिक तेज बोल रहा है। बुद्ध समुदाय के लोग भी राजनीतिक इस्तेमाल के लिए बुद्धिज्म का इस्तेमाल करने के मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रयासों की निंदा की है।

बौद्ध धर्म के अनुयायी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस हफ्ते बौद्ध धर्म के प्रति उदासीनता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने पीएम की बौद्ध धर्म में आस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा था कि बुद्ध को विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है लेकिन पीएम मोदी बुद्ध को करीब नहीं आने देते। खड़गे ने आरोप लगाया था कि बौद्ध धर्म भारत में स्थापित हुआ था, लेकिन पीएम मोदी इसमें विश्वास नहीं करते। हालांकि सरकारी सूत्र बताते हैं कि यह सच्चाई से बहुत दूर है। उन्होंने पीएम मोदी के कई ऐसे कामों का जिक्र किया जो बौद्ध धर्म के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।

अधिकारियों ने गिनाए ये काम

सूत्र ने कहा कि मोदी सरकार ने अप्रैल 2023 में पहला वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि आईबीसी (अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ) जैसे मंच समान विचारधारा वाले और समान दिल वाले देशों को बुद्ध धम्म और शांति फैलाने का अवसर दे रहे हैं। सरकारी सूत्रों ने बौद्ध सर्किट के विकास का भी हवाला दिया। मोदी सरकार ने बुद्ध की शिक्षाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम किया है और बौद्ध सर्किट ऐसा ही एक कदम है। यह भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थानों को जोड़ता है। इससे बौद्ध पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। बौद्ध सर्किट के भीतर आवागमन आसान करने के लिए मोदी सरकार ने बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस विशेष ट्रेन भी शुरू की।


एक और उदाहरण कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास है जिससे देश-विदेश के तीर्थयात्री आसानी से यहां आ सकते हैं। पीएम मोदी ने 2021 में उस क्षेत्र में हवाई अड्डे का उद्घाटन किया जहां भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। सरकारी सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने मई 2022 में लुम्बिनी में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बुद्धिस्ट सेंटर एंड हेरिटेज की आधारशिला रखी और वडनगर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने का प्रयास किया, जो उनके इरादों को स्पष्ट कर देता है।

इसके अलावा भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को प्रदर्शनी के लिए भारत से मंगोलिया ले जाया गया। इसी तरह भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पवित्र अवशेषों को 26 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए थाईलैंड भेजा गया था। बैंकॉक में अवशेषों को श्रद्धापूर्वक और एक भव्य समारोह के साथ प्राप्त किया गया। भारत के साथ-साथ विदेशों में बौद्ध विरासत के प्रचार और संरक्षण के लिए कई बौद्ध संस्थानों को वित्तीय सहायता दी गई। अधिकारियों ने कहा कि पीएम मोदी मोदी ने सुनिश्चित किया कि बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने के लिए वैशाख पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा और अभिधम्म दिवस जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने नेपाल को बोधगया के महाबोधि मंदिर में बोधि वृक्ष का एक पौधा उपहार में दिया था। उन्होंने जापानी पीएम फुमियो किशिदा को बाल बोधि वृक्ष का एक पौधा भी उपहार में दिया। उन्होंने मंगोलिया के राष्ट्रपति खल्टमागिन बटुल्गा के साथ मिलकर 2019 में उलानबटार में ऐतिहासिक गंडन तेगचेनलिंग मठ में स्थापित भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों की एक प्रतिमा का अनावरण किया। इसके अलावा अधिकारियों ने कहा कि बौद्ध धर्म को दुनिया भर में ले जाने की बात करते हुए पीएम मोदी ने सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के भाषण में बुद्ध का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था, "हम एक ऐसे देश से हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बल्कि ‘बौद्ध’ दिया है।”

भारतीय बौद्ध संघ के अध्यक्ष ने भी दिया जवाब

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि बौद्ध धर्म को लेकर पीएम मोदी ने जितना काम किया, वह शब्दों से अधिक तेज बोल रहा है। बुद्ध समुदाय के लोग भी राजनीतिक इस्तेमाल के लिए बुद्धिज्म का इस्तेमाल करने के मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रयासों की निंदा की है। भारतीय बौद्ध संघ के अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल का कहना है, "मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी निंदनीय है। 2014 में पहली बार पीएम मोदी ने तालकटोरा स्टेडियम में भगवान बुद्ध की जयंती मनाई थी, जो आजादी के बाद पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा किया था। जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने विधानसभा के अंदर और सीएम आवास पर भी बुद्ध की एक मूर्ति लगाई थी। मैं मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछना चाहता हूं कि जब मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब आपने बुद्ध पर ध्यान क्यों नहीं दिया, आपने बुद्ध का जश्न क्यों नहीं मनाया?”

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