अभी दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत भी नहीं हुई, लेकिन हवा की क्वालिटी अभी से खराब होने लगी है। दिल्ली के कई इलाओं में AQI का स्तर 400 के ऊपर पहुंच गया है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या दिल्ली में स्कूल बंद होंगे। राजधानी दिल्ली में एयर क्वालिटी में तेजी से गिरावट देखने को मिली है। बुधवार 23 अक्टूबर को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'बहुत खराब' केटेगरी में दर्ज किया गया, जो सुबह 7:30 बजे 349 के स्तर पर पहुंच गया था।
कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो ‘खतरनाक’ केटेगरी में आता है। दिल्ली के कश्मीरी गेट और सिविल लाइंस जैसे एरिया में AQI 300 से नीचे रहा। जबकि, मयूर विहार, अशोक विहार, ग्रेटर कैलाश, कालकाजी, मॉडल टाउन और IP एक्सटेंशन में AQI 400 से ऊपर पहुंच गया, जिससे इन एरिया में स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। सफर इंडिया (SAFAR) के अनुसार दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर AQI 365 और जहांगीरपुरी में 417 दर्ज किया गया, जहां घने धुंध की परत देखने को मिली।
दिल्ली के इन इलाकों में हालात ज्यादा खराब
अन्य एरिया में भी स्थिति चिंताजनक रही, जैसे अशोक विहार (359), बवाना (391), द्वारका-सेक्टर 8 (367), NSIT द्वारका (379), नजफगढ़ (342), नरेला (357), नेहरू नगर (365), पटपड़गंज (373), पंजाबी बाग (365), रोहिणी (388), और विवेक विहार (399)। इन आंकड़ों से साफ है कि एयर क्वालिटी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। इस बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आम आदमी पार्टी सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के पर्यावरण मंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे दिल्ली में डीजल बसें न भेजें। इसके अलावा 1,800 अतिरिक्त ट्रैफिक कर्मियों को 97 प्रमुख ट्रैफिक पॉइंट्स पर तैनात किया जाएगा ताकि ट्रैफिक जाम के कारण उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।
राय ने यह भी कहा कि एयर क्वालिटी प्रबंधन आयोग (CAQM) के तय चार स्तरों के अनुसार AQI 300 से ऊपर है, जिसके चलते ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण II को लागू किया गया है। इसके तहत दिल्ली में अधिक मात्रा में पानी का छिड़काव और निर्माण स्थलों की निगरानी की जाएगी।
क्या दिल्ली में बंद होंगे स्कूल?
प्रदूषण के चलते दिल्ली के स्कूलों में भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। स्कूलों ने बाहर एक्टिविटी बंद कर दी है। दिवाली के दौरान पटाखों का प्रयोग न करने के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए रैलियां आयोजित की जा रही हैं। छात्रों और स्टाफ में बढ़ती खांसी और भीड़-भाड़ की समस्याओं के चलते स्कूल प्रशासन ने भीड़-भाड़ वाली जगहों पर एयर प्यूरीफायर का उपयोग शुरू कर दिया है।
पिछले साल एयर पॉल्यूशन के कारण बंद किये गए थे स्कूल
पिछले साल नवंबर में बढ़ते प्रदूषण के कारण सभी प्राइमरी स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा था। इस साल की सर्दियों के लिए शिक्षा निदेशालय की ओर से अभी तक कोई ठोस योजना जारी नहीं की गई है, लेकिन इसे लेकर जल्द ही दिशानिर्देश आने की संभावना है।