ब्याज पर ब्याज सहित अन्य आर्थिक मुद्दों पर आज कैबिनेट की उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हुई जिसमें मोरेटोरियम, ब्याज पर ब्याज सहति तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई और कई मुद्दों पर कैबिनेट ने फैसला लिया है। ब्याज पर ब्याज का मुद्दा बहुत व्यापक होने और करीबन सभी डिपॉजिट होल्डर और कर्जदारों के साथ ही कर्जदाताओं से जुड़े होने के कारण इस पर खासी चर्चा हुई। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India (SBI) के अतिरिक्त क्लेम को मंजूरी मिली है ऐसा सीएनबीसी-आवाज़ को सूत्रों से पता चला है।
सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने कहा कि सूत्रों के मुताबिक सरकार द्वारा इंटरेस्ट ऑन इंटरेस्ट के लिए 5500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था इसमें से एसबीआई के अतिरिक्त क्लेम को कैबिनेट ने मंजूर किया है। इसके तहत कैबिनेट में SBI को करीब 1,000 करोड़ रुपये देने का फैसला किया गया है।
लक्ष्मण ने इस फैसले की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोरोना काल में सरकार ने 6 महीनों तक लोन पर मोराटोरियम लागू किया था जिसके तहत मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक लोन नहीं भरेंगे तो भी चलेगा ऐसा आदेश दिया गया था। इसके बाद ब्याज पर ब्याज लेने का मुद्दा भी उठाया गया था। उस पर सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को आदेश दिया था कि वे ब्याज पर ब्याज नहीं वसूल सकते।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार ने भी स्वीकार किया था और सरकार ने कहा था कि ब्याज की रकम का भुगतान सरकार द्वारा किया जायेगा। इसके लिए सरकार ने 5500 करोड़ रुपये का आवंटन किया था जिसमें कहा गया था कि सरकार बैंकों को ब्याज नहीं लेने के एवज में ये रकम दे देगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी दी। जिसमें उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में IREDA (Indian Renewable Energy Dev. Agency Ltd) को अतिरिक्त 1500 करोड़ रुपये देने का फैसला किया गया। इसके साथ ही NCSK (National Commission for Safai Karamchari) की मियाद आगे बढ़ाने पर भी फैसला हुआ। वहीं एसबीआई को अतिरिक्त 973 करोड़ रुपये के क्लेम मिलेंगे।