Fiscal Deficit: चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर 2022 में राजकोषीय घाटा सालाना आधार पर बढ़ा है। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स ने आज 31 अक्टूबर को इसके आंकड़े जारी किए हैं। जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2022 छमाही में 6.20 लाख करोड़ रुपये का फिस्कल डेफिसिट था जो पूरे साल के लक्ष्य का 37.3 फीसदी रहा।
पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर 2021 में जो घाटा हुआ था, वह पूरे साल के लक्ष्य के लक्ष्य का 35 फीसदी था। इस वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 37.3 फीसदी पर पहुंच गया। पूरे वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 16.61 लाख करोड़ रुपये के घाटे का लक्ष्य तय किया है जो जीडीपी का 6.4 फीसदी है।
सितंबर तिमाही में आय से ज्यादा खर्च में उछाल
आज जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-सितंबर 2022 में केंद्र सरकार को कुल 12.04 लाख करोड़ रुपये की प्राप्तियां हुईं जो सालाना आधार पर 9.5 फीसदी अधिक रहा। हालांकि खर्च इसकी तुलना में अधिक तेजी से बढ़ा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2022 तिमाही में सरकार का टोटल एक्सपेंडिचर 12 फीसदी की उछाल के साथ 18.24 लाख करोड़ रुपये रहा।
सितंबर में 33 फीसदी बढ़ा राजकोषीय घाटा
पिछले महीने सितंबर में सरकार को 78248 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जो सालाना आधार पर 33 फीसदी अधिक रहा। इसका नेट टैक्स रेवेन्यू सालाना आधार पर 13 फीसदी की उछाल के साथ 3.12 लाख करोड़ रुपये, नॉन-टैक्स रेवेन्यू 248 फीसदी की उछाल के साथ 40796 करोड़ रुपये रहा।
कुल रिसीट्स 22 फीसदी की उछाल के साथ 3.55 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि खर्च भी 24 फीसदी की उछाल के साथ 4.34 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कैपिटल एक्सपेंडिचर 57 फीसदी की तेजी के साथ 90561 करोड़ रुपये रहा।