Enforcement Directorate : बीते कुछ सालों में ED कैसे बन गई इंडिया की सबसे पावरफुल जांच एजेंसी?

पिछले कुछ सालों में ईडी की सक्रियता बहुत बढ़ गई है। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने भी इस बात की तस्दीक की है। मिनिस्ट्री ने 2020-21 की अपनी एनुअल रिपोर्ट में कहा है कि बीते सालों में क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों ही तरह से ईडी का काम काफी बढ़ा है

अपडेटेड Aug 04, 2022 पर 8:12 PM
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ईडी की स्थापना 1956 में हुई थी। यह केंद्र सरकार की प्रीमियर लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी है।

Enforcement Directorate (ED) ने 1 अगस्त को शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत को गिरफ्तार किया। विपक्ष ने इसकी आलोचना की। विपक्षी दलों ने ईडी पर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र की सरकार से निर्देश लेने और विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बनाने के आरोप लगाए। उधर, केंद्र सरकार ने ईडी की गतिविधियों से पल्ला झाड़ लिया है।

लेकिन, यह साफ है कि पिछले कुछ सालों में ईडी की सक्रियता बहुत बढ़ गई है। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने भी इस बात की तस्दीक की है। मिनिस्ट्री ने 2020-21 की अपनी एनुअल रिपोर्ट में कहा है कि बीते सालों में क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों ही तरह से ईडी का काम काफी बढ़ा है।

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फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा है, "कई हाई-प्रोफाइल मामलों में जांच शुरू हुई है। इसके पॉजिटिव नतीजे आए हैं। टेरर फाइनेंसिंग, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, बैंक फ्रॉड, करप्शन जैसे अपराधों से कमाया गया पैसा जब्त किया गया है।"

ईडी की स्थापना 1956 में हुई थी। यह केंद्र सरकार की प्रीमियर लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी है। यह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002, फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA), 1999 और फ्यूगिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट (FEOA), 2018 से जुड़े मामले में कार्रवाई करती है।

हाई प्रोफाइल मामलों की जांच के लिहाज से इसने CBI की जगह ले ली है। ग्राफ से पता चलता है कि बीते सालों में इसकी सक्रियता कितनी बढ़ी है।

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मनीकंट्रोल ने जो आंकड़े जुटाए हैं, उनके मुताबिक, पिछले तीन फाइनेंशियल ईयर में ईडी ने पीएमएलए के तहत 2,723 इनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) फाइल की है। इसके मुकाबले पिछले 14 साल में इसने कुल 2,699 मामले फाइल किए थे।

पिछले तीन साल में ईडी ने FEMA के तहत 11,420 मामलों में जांच शुरू की है। यह इससे पहले के पांच साल के मामलों के मुकाबले 710 ज्यादा है। सवाल है कि इस जांच एजेंसी की सक्रियता अचानक इतनी कैसे बढ़ गईं?

न्यूज एजेंसी एएनआई की 2 अगस्त की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सालों में ईडी की गतिविधियां बढ़ने के साथ ही उसके एंप्लॉयीज की संख्या बढ़ी है। एएनआई ने कहा है, "संजय कुमार मिश्रा के डायरेक्टर बनने के बाद पिछले चार साल में ईडी की ग्रोथ बहुत ज्यादा रही है।"

जब संजय मिश्रा ने 2018 में ईडी के डायरेक्टर की जिम्मेदारी ली थी तो इस एजेंसी में 5 स्पेशल डायरेक्टर्स और 18 ज्वाइंट डायरेक्टर्स थे। ईडी की वेबसाइट से पता चलता है कि अभी इसमें 6 स्पेशल डायरेक्टर्स, 13 एडिशनल डायरेक्टर्स, 19 ज्वाइंट डायरेक्टर्स और 18 डिप्टी डायरेक्टर्स हैं।

एएनआई ने 2 अगस्त की अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया था कि अभी ED में 9 स्पेशल डायरेक्टर्स, 3 एडिशनल डायरेक्टर्स, 36 ज्वाइंट डायरेक्टर्स और 18 डिप्टी डायरेक्टर्स हैं।

पिछले महीने एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 2004-05 और 2013-14 के बीच पीएमएलए के तहत ईडी ने 5,346 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। 2014-15 से 2021-22 के दौरान 99,356 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई हैं।

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FEMA के तहत मामलों की संख्या कम है। 2004-05 औरर 2013-14 के दौरान FEMA के तहत ईडी ने सिर्फ 14 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की, जबकि 1,754 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई। हालांकि, अगले कुछ साल में इन आंकड़ों में उछाल आया। केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 2014-15 और 2021-22 के बीच पेनाल्टी बढ़कर 6,377 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जबकि 7,066 करोड़ रुपये के एसेट जब्त किए गए।

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में PMLA के कुछ प्रावधानों को सही ठहराया। ईडी संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 240 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ECIR और FIR एक समान नहीं हैं। जहां किसी अपराध के आरोपी को FIR की कॉपी पाने का हक है, वही ECIR के मामले में यह नियम लागू नहीं होता। ECIR को ED का इनटर्नल डॉक्युमेंट माना जाता है।

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First Published: Aug 04, 2022 9:59 AM

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