Manufacturing PMI for January: भारत के मैन्यूफैक्चरिंग में जनवरी में सुधार के संकेत देखने को मिले हैं। पिछले महीने में 12 महीने के निचले स्तर तक गिरने के बाद इस सेक्टर की साल की शुरुआत अच्छी रही। 3 फरवरी को प्राइवेट सेक्टर के सर्वेक्षण के नतीजे जारी किये गये हैं। जिससे ये जानकारी सामने आई है। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (HSBC India Manufacturing Purchasing Managers' Index) जनवरी में छह महीने के उच्चतम स्तर 57.7 पर पहुंच गया। जबकि पिछले महीने में यह 56.4 के स्तर पर रहा था।
खपत के मोर्चे पर सामने आये डेटा से भी इसमें बेहतर प्रदर्शन की जानकारी मिलती है। जनवरी में जीएसटी कलेक्शन (GST collections) बढ़कर नौ महीने के उच्चतम स्तर 1.92 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें छह महीने में पहली बार डबल डिजिट ग्रोथ नजर आई है।
बजट में ग्रोथ को बढ़ाने की कोशिश
बता दें कि 1 फरवरी को पेश किये गये वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट (Budget) में सरकार ने आयकर दरों को तर्कसंगत बनाकर ग्रोथ को गति देने की कोशिश की है।
पहली छमाही के निराशाजनक रहने के बाद इस तिमाही में अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। गौरतलब है कि पहली छमाही में वित्त वर्ष 24 में 8.2 प्रतिशत की तुलना में ग्रोथ दर 6 प्रतिशत तक गिर गई थी।
2025 में ग्रोथ दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान
वित्त वर्ष 2025 में ग्रोथ दर कम होकर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बजट की पूर्व संध्या पर जारी आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष के लिए ग्रोथ दर 6.3-6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था (developed economy) बनने का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को अन्य बदलावों के साथ-साथ 8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की जरूरत है।