मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत का ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) 8.4 पर्सेंट की दर से बढ़ा है। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक आंकड़े में यह जानकारी दी गई। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से इस आंकड़ों की तुलना करें, तो जीडीपी ग्रोथ बेहतर हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कोरोना महामरी के चलते GDP ग्रोथ में 7.4 पर्सेंट की कमी देखी गई थी।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में लो बेस इफेक्ट के चलते जीडीपी ग्रोथ रेट 20.1 पर्सेंट रहा था।
जुलाई-सितंबर तिमाही में ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) 8.5 पर्सेंट बढ़ा है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में इसमें 7.3 पर्सेंट की निगेटिव ग्रोथ देखी गई थी। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के, GVA में 18.8 पर्सेंट की तेज बढ़ोतरी देखी गई थी।
सांख्यिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "कॉन्सटैंट (2011-12) प्राइस पर वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में GDP के 35.73 लाख करोड़ रुपये के होने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 32.97 लाख करोड़ रुपये था। यह दूसरी तिमाही में GDP में 8.4 फीसदी की बढ़ोतरी को दिखाता है, जबकि इसके उलट पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में जीडीपी में 7.4 पर्सेंट का संकचुन देखा गया था।"
जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान प्राइवेट फाइनल कंजम्पशन एक्सिपेंडिचर (PECE) सालाना आधार पर 8.61 पर्सेंट बढ़ा। हालांकि पिछली तिमाही से तुलना करने पर इसमें 19.35 पर्सेंट की गिरावट रही। बता दें वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े अधिकतर रेटिंग एजेंसियों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के अनुमानों के मुताबिक रहे हैं।