होम और दूसरे लोन लेने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। ऐसे लोन की EMI बढ़ने नहीं जा रही है। इसकी वजह यह है कि RBI ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट नहीं बढ़ाया है। इस वजह से होम सहित दूसरे सभी लोन की EMI नहीं बढ़ेगी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने 6 अक्टूबर की सुबह 10 बजे अपनी मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि रेपो रेट नहीं बढ़ाने का फैसला किया गया है। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सभी सदस्य रेपो रेट नहीं बढ़ाने के पक्ष में थे। इसकी उम्मीद पहले से की जा रही थी। यह माना जा रहा था कि अक्टूबर की अपनी पॉलिसी में केंद्रीय बैंक रेपो रेट नहीं बढ़ाएगा।
रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार
रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार है। इस वजह से लोन की EMI में किसी तरह का बतलाव नहीं होगा। केंद्रीय बैंक पिछले साल मई से छह बार रेपो रेट बढ़ा चुका है। इससे होम लोन के ग्राहकों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। हालांकि, यह लगातार चौखा मौका है, जब केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट नहीं बढ़ाया है। इससे होम लोन के ग्राहकों पर बोझ नहीं बढ़ा है। लेकिन, उन्हें रेपो रेट घटने का इंतजार है। रेपो रेट घटने से उनकी EMI घटेगी। इससे उन पर दबाव घटेगा।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि होम लोन के ग्राहकों को EMI में कमी के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि RBI इनफ्लेशन के खिलाफ चल रही लड़ाई को सुस्त पड़ने के खिलाफ है। उसका मानना है कि जब तक इनफ्लेशन पूरी तरह से काबू में नहीं आ जाता, उसके खिलाफ किसी तरह की नरमी नहीं बरती जा सकती। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस साल के अंत तक इनफ्लेशन में कमी आएगी। इसके बाद ही RBI रेपो रेट में कमी करने के बारे में सोचेगा। इसका मतलब है कि होम लोन के ग्राहकों को EMI में कमी के लिए अगले साल की पहली तिमाही तक इंतजार करना पड़ सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल 2024 की शुरुआत तक ही इंडिया सहित दूसरे देशों में इंटरेस्ट रेट में कमी का सिलिसिला शुरू होने की उम्मीद है। इसलिए अगर आप होम लोन की ज्यादा EMI से परेशान हैं तो आप ऐसे दूसरे बैंक में अपने होम लोन को ट्रांसफर करने के बारे में सोच सकते हैं, जो आपको कम इंटरेस्ट रेट ऑफर करने के लिए तैयार है। लेकिन, सिर्फ 0.25 या 0.5 फीसदी की रियायत मिलने पर आपको होम लोन ट्रांसफर करने का फैसला नहीं करना चाहिए। अगर आपको कम से कम 1 से 1.5 फीसदी कम इंटरेस्ट रेट का ऑफर मिले तभी आपको होम लोन ट्रांसफर कराने का फैसला लेना चाहिए।
अगर आपको कंपनी की तरफ से बोनस मिला है तो उसका इस्तेमाल आप होम लोन का कुछ हिस्से का रिपेमेंट करने के लिए कर सकते हैं। इससे इंटरेस्ट के रूप में होने वाला आपका कुल खर्च कम हो जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंक आम तौर पर EMI बढ़ाने की जगह लोन की अवधि बढ़ा देते हैं। ज्यादातर ग्राहक को यह सुविधाजनक लगता है। लेकिन, इसमें इंटरेस्ट पर होने वाला आपका खर्च बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपको कंपनी से इंक्रीमेंट मिला है तो आप बैंक को लोन की अवधि की जगह अपनी EMI बढ़ाने को कह सकते हैं। इससे इंटरेस्ट पर होने वाला आपका खर्च नहीं बढ़ेगा।