महंगाई के बावजूद भारत मौजूदा वित्त वर्ष में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी होगी। केंद्र सरकार के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में अधिकारी ने कहा कि सरकार महंगाई को काबू में लाने के लिये रिजर्व बैंक के साथ मिलकर लगातार काम कर रही है।
केंद्र सरकार के अधिकारी ने बताया, "जमीनी स्तर पर जो जानकारी मिल रही है, उससे पता चलता है कि एडिबल ऑयल और क्रूड ऑयल के दामों में गिरावट आई है। मानसून भी अच्छा रहने का अनुमान है। इन सबको देखते हुए आने वाले समय में महंगाई को लेकर दबाव कम होने की उम्मीद है। "
बता दें कि देश की खुदरा महंगाई दर पिछले कई महीनों से RBI के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। जून में खुदरा महंगाई दर 7.01 फीसदी थी। वहीं RBI ने महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के बीच रखने का लक्ष्य तय किया हुआ है। पिछले छह महीने से महंगाई दर इस तय दायरे से ऊपर बना हुआ है।
महंगाई से देश की GDP ग्रोथ प्रभावित होने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि आर्थिक ग्रोथ में नरमी का सवाल ही नहीं उठता और देश मौजूदा वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में तेज ग्रोथ हासिल करने वाली अर्थव्यवस्था होगा।
ग्लोबल स्तर पर रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव के कारण पैदा हुए वैश्विक तनाव के बावजूद अधिकारी ने GDP ग्रोथ रेट बेहतर रहने की उम्मीद जताई है।
बढ़ते व्यापार घाटे और उसके कारण करेंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) पर पड़ रहे असर के बारे में उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में फ्यूल के दाम में कुछ गिरावट आई है, फर्टिलाइजर्स के दाम घटे हैं। इन सबको देखते हुए CAD में कमी आने की उम्मीद है।"
क्रिप्टो करेंसी के बारे में सूत्र ने कहा कि इस बारे में सतर्कता बरतने की जरूरत है और हाल में वजीरएक्स (WazirX) मामले से क्रिप्टो लेन-देन में कई तरह की गड़बड़ियों की बात सामने आई है। GST के बारे में पूछ जाने पर उन्होंने कहा कि कसीनो पर जीएसटी लगाने पर विचार कर रहा मंत्री समूह अगले एक-दो दिनों के अंदर वित्त मंत्री अपना रिपोर्ट सौंप सकता है।