पूरी दुनिया महंगाई के मार से त्रस्त है। ब्रिटेन में वार्षिक महंगाई (मुद्रा स्फीति) का आंकड़ा 40 साल के अपने नए शिखर पर पहुंच गया है। आज यानी बुधवार 22 जून 2022 को आए आंकड़ों के मुताबिक मई महीने में इंग्लैंड में वार्षिक महंगाई का आंकड़ा 9.1 फीसदी पर रहा है जो कि अप्रैल में 9 फीसदी पर था।
ब्रिटेन में मई महीने में महंगाई की दर 1982 के बाद अपने सर्वोच्च शिखर पर रही है। ब्रिटेन के ऑफिस फॉर स्टेटिस्टिक्स (ONS)ने आज ये आंकड़े जारी किए हैं। महंगाई में इस बढ़ोतरी से बैंक ऑफ इंग्लैंड पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का दबाव बढ़ेगा।
बैंक ऑफ इंग्लैंड का कहना है कि एनर्जी की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते इस साल के अंत तक इंग्लैंड की महंगाई दर 11 फीसदी को पार कर सकती है।
ONS के मुख्य अर्थशास्त्री ग्रांट फिट्जनर (Grant Fitzner)का कहना है कि मई महीने में खाने-पीने के चीजों के भाव में बढ़ोतरी और पेट्रोल की कीमतों में तेजी के चलते महंगाई में बढ़ोतरी देखने को मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि कपड़ों की कीमत में सालाना आधार पर कम बढ़ोतरी के और कम्प्यूटर गेन की कीमतों में गिरावट के कारण कुछ राहत मिली है।
उन्होंने आगे कहा कि देश में महंगाई का अभूतपूर्व स्तर भारी परेशानी पैदा कर रहा है । जीवन यापन की लागत काफी ऊंची हो गई है। बतातें चलें कि देश में महंगाई के खिलाफ ब्रिटेन के रेलवे कर्मी इस हफ्ते हड़ताल कर रहे हैं। यह हड़ताल पिछले 30 साल में ब्रिटेन के रेलवे के इतिहास में अपने तरह की सबसे बड़ी घटना है।
ब्रिटेन के हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि बढ़ती महंगाई से उनके वेतन की क्रयशक्ति पर निगेटिव असर पड़ रहा है। जिसके चलते उनके जीवन यापन में मुश्किलें आ रही है। दुनियाभर के तमाम देश बढ़ती महंगाई की समस्या से जुझ रहे हैं। यूक्रेन-रूस वार के कारण कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी इस महंगाई की सबसे बड़ी वजह है।
बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक अपने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। जिससे दुनिया में मंदी का डर बढ़ रहा है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने दिसंबर से अब तक अपनी ब्याज दरों में 5 बार बढ़ोतरी की है।