Janet Yellen India Visit: अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा, ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूत बनाने में अमेरिका का प्रमुख सहयोगी है इंडिया

इंडिया की यात्रा पर आईं Janet Yellen ने कहा कि यह ग्लोबल इकोनॉमी के लिए अनिश्चितता वाला वक्त है। ऐसे समय में इंडिया सप्लाई चेन को मजबूत बनाने में अमेरिका का प्रमुख सहयोगी देश है

अपडेटेड Nov 11, 2022 पर 12:56 PM
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येलेन इंडिया के अपने दौरे में इंडिया-यूएस इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल पार्टनरशिप में हिस्सा लेंगी। 11 नवंबर की शाम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ उनकी बातचीत होगी।

Janet Yellent India Visit:अमेरिकी वित्त मंत्री Janet Yellen ने इंडिया को अमेरिका का सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि यह ग्लोबल इकोनॉमी के लिए अनिश्चितता वाला वक्त है। ऐसे समय में इंडिया सप्लाई चेन को मजबूत बनाने में अमेरिका का सहयोगी देश है। उन्होंने 11 नवंबर (शुक्रवार) को ये बातें कहीं। येलेन इंडिया की यात्रा पर आई हैं। बतौर वित्त मंत्री यह इंडिया की उनकी पहली यात्रा है।

नोएडा में माइक्रोसॉफ्ट इंडिया डेवलपमेंट सेंटर में येलेन ने कहा कि दुनिया जरूरी चीजों के लिए जोखिम वाले देशों पर बहुत ज्यादा निर्भर रही है। उन्होंने कहा, "आप रूस के एनर्जी एक्सपोर्ट को लीजिए। रूस लंबे समय से खुद को एनर्जी के भरोसेमंद पार्टनर के रूप में पेश करता रहा है। लेकिन, इस साल व्लादिमीर पुतिन ने नेचुल गैस की सप्लाई का इस्तेमाल यूरोप के लोगों के खिलाफ हथियार के रूप में किया।"

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उन्होंने कहा कि यह उस बात का उदाहरण है कि कैसे दुष्ट लोग जियोपॉलिटिकल स्थितियों का फायदा उठाने के लिए अपनी मार्केट पॉजिशन का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे उनके फायदों के लिए ट्रेड में रुकावट आ सकती है। यूक्रेन पर रूस के हमलों के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसके जवाब में रूस ने भी यूरोप को एनर्जी की सप्लाई बंद कर दी है।

पिछले महीनों में इंडिया ने रूस से ज्यादा ऑयल खरीदना शुरू किया है। अमेरिका और यूरोपीय देशों में इस पर बहस जारी है। हालांकि, इंडिया ने साफ कर दिया है कि उसने आम लोगों के हित में ऐसा किया है। आम लोगों के प्रति सरकार अपनी जिम्मेदारी का पालन कर रही है। इनफ्लेशन की वजह से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा, "अमेरिका एक ऐसा एप्रोच अपना रहा है, जिसे 'friend-shoring' कहा जाता है। इसका मकसद उन देशों का विकल्प तलाशना है जो हमारी सप्लाई चेन और जियोपॉलिटिकल सिक्योरिटी के लिए रिस्क पैदा करते हैं। इसके लिए हम इंडिया जैसे भरोसेमंद ट्रेडिंग पार्टनर के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं।"

येलेन इंडिया के अपने दौरे में इंडिया-यूएस इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल पार्टनरशिप में हिस्सा लेंगी। 11 नवंबर की शाम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ उनकी बातचीत होगी। वह इंडिया में बिजनेस कर रही बड़ी अमेरिकी कंपनियों के एग्जिक्यूटिव्स के साथ बातचीत करेंगी। वह इंडियन कंपनियों के एग्जिक्यूटिव्स से भी चर्चा करेंगी। माना जा रहा है कि बातचीत के बाद येलेन और सीतारमण की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा।

अमेरिकी वित्त मंत्री का इंडिया का यह दौरा ऐसे वक्त हो रहा है, जब रूस के साथ इंडिया का कारोबार बढ़ रहा है। खासकर ऑयल इंपोर्ट पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ा है। इंडिया ऑयल की अपनी 85 फीसदी जरूरत इंपोर्ट से पूरा करता है। वह रूस से सस्ती कीमत पर ऑयल खरीद रहा है। वह रूस से सबसे ज्यादा ऑयल खरीदने में चीन के बाद दूसरे नंबर पर आ गया है।

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First Published: Nov 11, 2022 12:52 PM

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