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Piyush Goyal भारत के विकास को लेकर बुलिश, कहा- 30 सालों तक युवा बनी रहेगी हमारी आबादी

कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर गोयल ने कहा कि हमारी आबादी 30 वर्ष से कम उम्र की है, और अगले 30 वर्षों तक हमारी आबादी युवा बनी रहेगी। अगले 30 सालों में पीएम मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जो मजबूत नींव रखी है, उसे देखते हुए मेरा मानना है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था में 30 ट्रिलियन डॉलर जोड़ देंगे

अपडेटेड Aug 20, 2023 पर 3:56 PM
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह भारत के बढ़ने, निवेश करने और विस्तार करने का समय है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि यह भारत के बढ़ने, निवेश करने और विस्तार करने का समय है। उन्होंने मनीकंट्रोल के इंडियन फैमिली बिजनेस अवार्ड्स के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि भारत के पास इस समय कई शानदार अवसर है। अगले 30-35 सालों में भारत जितना बड़ा कोई अन्य अवसर नहीं नहीं है। मैं इसे 30-30-30 मैट्रिक्स के रूप में देखता हूं।" मंत्री ने कहा, "भारत की ग्रोथ देश को 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हासिल करने में मदद करेगी, जिससे देश को दुनिया में सबसे बड़े बिजनेस अवसर मिलेंगे।"

30 सालों तक युवा बनी रहेगी हमारी आबादी

कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर गोयल ने आगे कहा कि हमारी आबादी 30 वर्ष से कम उम्र की है, और अगले 30 वर्षों तक हमारी आबादी युवा बनी रहेगी। अगले 30 सालों में पीएम मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जो मजबूत नींव रखी है, उसे देखते हुए मेरा मानना है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था में 30 ट्रिलियन डॉलर जोड़ देंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की कहानी फिलहाल सामने आ रही है और यह देश दुनिया के लिए विकास का इंजन बनने के लिए तैयार है।


गोयल के अनुसार देश में युवा भारत, डेमोग्राफिक डिविडेंड और लोकतंत्र की शक्तिशाली त्रिमूर्ति है। भारत दुनिया को सस्टेनेबल, इनक्लुसिव, संतुलित और तेज गति से ग्रोथ का रास्ता दिखा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार भारत की आबादी अब 1.4 अरब है। भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है।

ह्यूमन रिसोर्स का सबसे बड़ा प्रोवाइडर भारत

60 करोड़ से अधिक लोग 18 से 35 वर्ष की आयु के हैं और डेमोग्राफिक डिविडेंड कम से कम 2055-56 तक जारी रहने की उम्मीद है। भारत को दुनिया में ह्यूमन रिसोर्स का सबसे बड़ा प्रोवाइडर बने रहने का अनुमान लगाया गया है। अर्न्स्ट एंड यंग ने अपनी रिपोर्ट India@100 में कहा, “अगले दशक में इंक्रीमेंटल ग्लोबल वर्कफोर्स का लगभग 24.3 फीसदी भारत से आएगा। यह विकसित दुनिया में तेजी से बढ़ती आबादी, ग्लोबल इकोनॉमी के कई क्षेत्रों में लेबल सप्लाई के लिए संभावित चुनौतियों को देखते हुए अहम है।"

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