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रघुराम राजन ब्याज दरें तय करते समय फूड इनफ्लेशन को बाहर रखने से असहमत, बताई यह वजह

Raghuram Rajan ने कहा कि अगर आप मुद्रास्फीति के कुछ सबसे अहम हिस्सों को छोड़ देते हैं और यह कहते हैं कि मुद्रास्फीति कंट्रोल में है, लेकिन खाने-पीने की चीजों के दाम या इनफ्लेशन बास्केट में नहीं रखे गए किसी अन्य सेगमेंट की कीमतें आसमान छू रही हैं तो आप जानते हैं कि लोगों को रिजर्व बैंक पर बहुत भरोसा नहीं होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 02, 2024 पर 5:57 PM
रघुराम राजन ब्याज दरें तय करते समय फूड इनफ्लेशन को बाहर रखने से असहमत, बताई यह वजह
रघुराम राजन ब्याज दरें तय करते समय फूड इनफ्लेशन को बाहर रखने से असहमत हैं।

मुख्य ब्याज दरें तय करते समय फूड इनफ्लेशन को गणना से बाहर रखे जाने के सुझावों से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने असहमति जताई है। राजन का मानना है कि इससे केंद्रीय बैंक के प्रति लोगों का भरोसा कम होगा, जिसे सरकार ने इनफ्लेशन को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी दी है। राजन ने कहा कि इनफ्लेशन एक ऐसे समूह को टारगेट करे जिसमें कंज्यूमर के उपभोग वाली चीजें हों। यह इनफ्लेशन के बारे में उपभोक्ताओं के परसेप्शन और इनफ्लेशन की उम्मीदों को प्रभावित करता है।

Raghuram Rajan ने क्या कहा?

राजन बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट्स तय करते समय फूड इनफ्लेशन को गणना से बाहर रखने के बारे में इकोनॉमिक सर्वे 2023-24 में आए सुझावों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, "जब मैं गवर्नर बना था उस समय भी हम PPI (प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स) को टारगेट कर रहे थे। लेकिन इसका एक एवरेज कंज्यूमर के सामने आने वाली चुनौतियों से कोई लेना-देना नहीं होता है।" राजन ने कहा, "ऐसे में जब RBI कहता है कि मुद्रास्फीति कम है तो PPI पर नजर डालें। अगर कंज्यूमर कुछ अलग तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं तो वे वास्तव में यह नहीं मानते कि मुद्रास्फीति कम हुई है।’’

'RBI पर लोगों का भरोसा होगा कम'

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