आरबीआई गवर्नर ने कहा- राज्यों को विवेकपूर्ण कर्ज रणनीति और बेहतर कैश मैनेजमेंट प्रैक्टिस अपनानी चाहिए

राज्यों द्वारा इस साल जुलाई में 62,640 करोड़ रुपये, अगस्त में 81,582 करोड़ और सितम्बर में 67,330 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है

अपडेटेड Jul 08, 2022 पर 10:06 AM
Story continues below Advertisement
शक्तिकांत दास ने कहा कि राज्यों को खर्च की क्वालिटी में सुधार, आकस्मिक देनदारियों की बेहतर हैंडलिंग एवं निगरानी के साथ ही को-आपरेटिव बैंकों में गवर्नेंस में सुधार पर भी ध्यान देना चाहिए

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर ने 7 जुलाई को राज्यों के वित्त सचिवों के साथ एक बैठक में कहा कि भारतीय राज्यों को विकसित मैक्रोइकोनॉमिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक विवेकपूर्ण कर्ज रणनीति (prudent borrowing strategy) और कुशल नकद प्रबंधन कार्यव्यवहारों (efficient cash management practices) को अपनाने की जरूरत है।

एक रिलीज के अनुसार शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बैठक में कहा कि राज्यों को खर्च की क्वालिटी में सुधार, आकस्मिक देनदारियों की बेहतर हैंडलिंग और निगरानी और को-आपरेटिव बैंकों में गवर्नेंस में सुधार पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

गर्वनर की बैठक मुंबई में आयोजित की गई थी। इसमें वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, लेखा महानियंत्रक, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक और 24 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के वित्त सचिवों ने भाग लिया।


आरबीआई (RBI) द्वारा 2 जुलाई को जारी एक सांकेतिक कैलेंडर के अनुसार राज्यों द्वारा जुलाई-सितंबर में बांड के माध्यम से 2.12 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की उम्मीद है। राज्यों की जुलाई में 62,640 करोड़ रुपये, अगस्त में 81,582 करोड़ रुपये और सितम्बर में 67,330 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। राज्य कर्ज नीलामी आमतौर पर हर मंगलवार को होती है।

TVS MOTOR, HINDALCO और SHREE CEMENT पर जानिये दिग्गज ब्रोकरेज फर्मों की निवेश राय

रेटिंग एजेंसी ICRA के मुताबिक राज्यों द्वारा जुलाई-सितंबर में लिया जाने वाले उधार की सांकेतिक रकम पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1.6 लाख करोड़ रुपये की वास्तविक उधारी से लगभग 29 प्रतिशत अधिक है। जबकि अप्रैल-जून में जुटाए गए 1.1 लाख करोड़ रुपये से लगभग दोगुनी है।

राज्य उस समय एक कंफर्टेबल कैश पोजीशन में बैठे थे। इन्होंने पिछले कुछ महीनों में कर्ज बाजार से भारी उधार लेने से परहेज किया था।

आरबीआई ने कहा कि 7 जुलाई की बैठक में राज्यों द्वारा लिये गये कर्ज और कंसोलिडेटेड सिंकिंग फंड या गारंटी रिडेम्प्शन फंड के संचालन की समीक्षा की गई।

रिलीज के मुताबिक बैठक में चर्चा किए गए अन्य मुद्दों में राज्यों द्वारा खर्च की क्वालिटी, मुद्रास्फीति नियंत्रण में राज्यों की भूमिका, राज्यों की कर्ज प्रबंधन रणनीति, कर्ज और नकदी प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की आवश्यकता और विभिन्न ऑपरेशनल मामले शामिल रहे।

 

 

 

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Jul 08, 2022 10:06 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।