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Repo Rate : 5 अप्रैल को रेपो रेट पर होगा फैसला, एक्सपर्ट्स ने कहा- इस बार भी बदलाव की उम्मीद नहीं

Repo Rate : एनालिस्ट्स ने कहा कि केंद्रीय बैंक सतर्क रहेगा, क्योंकि फूड इन्फ्लेशन के लगातार रिस्क कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) या रिटेल इन्फ्लेशन को प्रभावित कर सकते हैं। इसके पहले FY24 की अंतिम बैंठक में MPC ने रेपो रेट में लगातार छठी बार कोई बदलाव नहीं किया

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 01, 2024 पर 6:05 PM
Repo Rate : 5 अप्रैल को रेपो रेट पर होगा फैसला, एक्सपर्ट्स ने कहा- इस बार भी बदलाव की उम्मीद नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 3 से 5 अप्रैल तक होने वाली है।

Repo Rate : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 3 से 5 अप्रैल तक होने वाली है। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली मीटिंग होगी। एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई है कि पैनल रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव नहीं करेगा। एनालिस्ट्स ने कहा कि केंद्रीय बैंक सतर्क रहेगा, क्योंकि फूड इन्फ्लेशन के लगातार रिस्क कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) या रिटेल इन्फ्लेशन को प्रभावित कर सकते हैं। इसके पहले FY24 की अंतिम बैंठक में MPC ने रेपो रेट में लगातार छठी बार कोई बदलाव नहीं किया। इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया गया था।

क्या है एक्सपर्ट्स की राय

एनालिस्ट्स ने कहा कि अगर 4 फीसदी का इन्फ्लेशन टारगेट स्थायी रूप से हासिल नहीं होता है तो आरबीआई शायद रेपो रेट कम नहीं करेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, “मुद्रास्फीति अभी भी 5% के दायरे में है और फूड इन्फ्लेशन के मोर्चे पर भविष्य में झटका लगने की संभावना है। इसे देखते हुए एमपीसी इस बार भी प्रमुख ब्याज दरों को बरकरार रख सकती है। उन्होंने कहा कि जीडीपी अनुमान में संशोधन हो सकता है।"

रॉयटर्स पोल के अनुसार उम्मीद है कि आरबीआई जुलाई तक अपनी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। आरबीआई की अगली दो मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग इस साल अप्रैल और जून में होगी। सर्वे में शामिल 56 इकनॉमिस्ट्स में से ज्यादातर का मानना है कि मजबूत विकास और ज्यादा महंगाई के कारण आरबीआई जुलाई तक मौजूदा दर 6.50 फीसदी बनाए रख सकता है।

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