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शहरों से ज्यादा है गांव के लोगों की खर्च करने की रफ्तार, CPI में फूड का वेटेज कम करने की जरूरत : NITI आयोग

गांव और शहर दोनों में बहुत तरक्की हुई है। शहरों के मुकाबले गांवों में करीब 20 फीसदी ज्यादा खपत देखने को मिल रही है। गांवों में कुल खपत में अनाज पर होने वाला खर्च घटा है। 2011-12 से 2022-23 के बीच गांवों में खर्च करने की रफ्तार 164 फीसदी बढ़ी है। वहीं, शहरों में खर्च करने की रफ्तार 146 फीसदी बढ़ी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 26, 2024 पर 12:06 PM
शहरों से ज्यादा है गांव के लोगों की खर्च करने की रफ्तार, CPI में फूड का वेटेज कम करने की जरूरत : NITI आयोग
गांवों में कुल खर्च का 6.89 फीसकी कंज्यूमर ड्यूरेबल गुड्स पर हो रहा है। वहीं, शहरों में कुल खर्च का 7.17 फीसकी कंज्यूमर ड्यूरेबल गुड्स पर हो रहा है

शहरों से ज्यादा है गांव को लोगों की खर्च करने की रफ्तार। ये खुलासा हुआ है Household Consumer Expenditure Survey में हुआ है। इस सर्व में ये भी बात निकलकर आई है खाने पीने के सामान की बजाय टीवी, फ्रीज, मोबाइल और गाड़ियों पर लोग ज्यादा खर्च कर रहे हैं। सीएनबीसी आवाज के साथ एक्सक्लूलिव बातचीत में नीति आयोग के CEO ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि CPI में फूड का वेटेज कम किया जाए। NITI आयोग के CEO बी वी सुब्रह्मणियम ने कहा है कि हाउसहोल्ड कंज्यूमर एक्सपेंडिचर सर्वे पर चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। देश में 5 फीसदी से भी कम गरीबी घटी है। गांव और शहर दोनों में कंज्प्शन ढाई गुना बढ़ा है।

शहरों के मुकाबले गांवों में करीब 20 फीसदी ज्यादा खपत

इस सर्वे रिपोर्ट से निकल कर आया है कि गांव और शहर दोनों में बहुत तरक्की हुई है। शहरों के मुकाबले गांवों में करीब 20 फीसदी ज्यादा खपत देखने को मिल रही है। गांवों में कुल खपत में अनाज पर होने वाला खर्च घटा है। गांवों में कुल खर्च का 50 फीसदी से भी कम खाने पर हो रहा है।

वहीं, शहरों में कुल खर्च का 40 फीसदी से भी कम खाने पर हो रहा है।

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