Wholesale Inflation: थोक महंगाई लगातार तीसरे महीने बढ़ी, मई में पहुंची 15 माह के हाई पर

Wholesale Inflation: थोक मूल्य सूचकांक बेस्ड महंगाई इस साल अप्रैल में 1.26 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, खाने पीने की चीजों की थोक महंगाई दर इस साल मई में 9.82 प्रतिशत रही। थोक महंगाई में मई में वृद्धि, महीने के खुदरा महंगाई आंकड़ों के उलट है। मई में खुदरा महंगाई घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गई, जो एक साल का सबसे निचला स्तर है

अपडेटेड Jun 14, 2024 पर 1:21 PM
Story continues below Advertisement
दालों की थोक महंगाई दर मई में 21.95 प्रतिशत रही।

Wholesale Inflation in May: देश की थोक महंगाई दर मई 2024 में बढ़कर 15 महीनों के हाई पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाने पीने की चीजों खासकर सब्जियों और मैन्युफैक्चर्ड आइटम्स की कीमतों में वृद्धि के कारण थोक महंगाई मई में लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत हो गई। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) बेस्ड महंगाई इस साल अप्रैल में 1.26 प्रतिशत थी। मई 2023 में यह शून्य से नीचे 3.61 प्रतिशत रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘मई 2024 में महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग, क्रूड पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस, खनिज तेल, अन्य मैन्युफैक्चरिंग आदि की कीमतों में वृद्धि रहा।’’

आंकड़ों के अनुसार, खाने पीने की चीजों की थोक महंगाई दर इस साल मई में 9.82 प्रतिशत रही, जबकि अप्रैल में यह 7.74 प्रतिशत थी। मई में सब्जियों की थोक महंगाई दर 32.42 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 23.60 प्रतिशत थी। प्याज की महंगाई दर 58.05 प्रतिशत, जबकि आलू की महंगाई दर 64.05 प्रतिशत रही। दालों की थोक महंगाई दर मई में 21.95 प्रतिशत रही।

ईंधन, बिजली और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर


ईंधन एवं बिजली क्षेत्र में थोक महंगाई मई में 1.35 प्रतिशत रही, जो अप्रैल के 1.38 प्रतिशत से मामूली रूप से कम है। मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई मई में 0.78 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में शून्य से नीचे 0.42 प्रतिशत थी।

GST काउसिंल की बैठक 22 जून को, क्या टैक्स का बोझ कम करने को लेकर होगा कोई फैसला?

मई में खुदरा महंगाई घटी

थोक मूल्य सूचकांक में मई में वृद्धि, महीने के खुदरा महंगाई आंकड़ों के उलट है। मई में खुदरा महंगाई घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गई, जो एक साल का सबसे निचला स्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है। RBI ने जून महीने की शुरुआत में लगातार 8वीं बार रेपो रेट को जस का तस रखने का फैसला किया।

Moneycontrol News

Moneycontrol News

Tags: #WPI

First Published: Jun 14, 2024 1:14 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।