अगले महीने RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक होने वाली है। यह बैठक 2 तारीख को शुरू होगी और 4 तारीख को खत्म होगी। 4 तारीख को RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास MPC की बैठक के फैसलों के बारे में बताएंगे। सवाल है कि क्या आरबीआई एक बार फिर इंटरेस्ट रेट (Repo Rate) बढ़ाएगा?
RBI ने इस साल पहली बार मई में रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ाया था। फिर, उसने जून में भी रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ाया। दो बार की वृद्धि के बाद रेपो रेट 0.90 फीसदी बढ़कर 4.90 फीसदी पर पहुंच गया है। केंद्रीय बैंक ने तेजी से बढ़ती महंगाई को कंट्रोल में करने के लिए इंटरेस्ट रेट बढ़ाने और लोन महंगा करने की पॉलिसी अपनाई है।
सरकार ने इस हफ्ते जून के रिटेल इनफ्लेशन के डेटा जारी किए। इसके मुताबिक, पिछले महीने खुदरा महंगाई दर 7.01 फीसदी रही। यह मई के 7.04 के मुकाबले मामूली कम है। यह लगातार छठा महीना है, जब रिटेल इनफ्लेशन RBI के 6 फीसदी के टारगेट से ज्यादा बना हुआ है।
जून के इनफ्लेशन में खानेपीने की चीजों की कीमतों में कमी देखने को मिली है। फूड इनफ्लेशन मई में 7.97 फीसदी था। जून में यह 7.75 फीसदी पर आ गया। इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में एवरेज रिटेल इनफ्लेशन 7.3 फीसदी रहा। यह 7.5 फीसदी के आरबीआई के अनुमान के मुकाबले कम है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले महीनों में रिटेल इनफ्लेशन पर आरबीआई का फोकस बना रहेगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास इसका संकते दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि फिलहाल महंगाई सबसे बड़ी चुनौती है। जब तक रिटेल इनफ्लेशन आरबीआई के टारगेट के अंदर नहीं आ जाता है केंद्रीय बैंक का फोकस उसे काबू में करने पर बना रहेगा।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगस्त के पहले हफ्ते में एमपीसी की बैठक में रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाने का फैसला हो सकता है। ऐसा होने पर रेपो रेट 5 फीसदी से ज्यादा हो जाएगा। इस फाइनेंशियल ईयर के अंत तक रेपो रेट के 5.50 फीसदी तक पहुंच जाने का अनुमान जताया गया है।
दुनियाभर में इनफ्लेशन पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ा है। अमेरिका में यह 41 साल के सबसे हाई लेवल पर पहुंच गया है। इसके बाद फेडरल रिजर्व ने महंगाई को काबू में करने पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। वह दो बार इंटरेस्ट रेट बढ़ा चुका है।