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Windfall Tax : तेल उत्पादक कंपनियों को मिलेगी राहत, विंडफाल टैक्स में कमी कर सकती है सरकार

ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों में कमी के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है, जिससे रिफाइनर्स के प्रॉफिट में भी कमी आ गई है

अपडेटेड Jul 15, 2022 पर 8:51 AM
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सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को काबू में रखने के लिए हाल में विंडफाल टैक्स लगाया था

Windfall Tax : भारत सरकार हाल में लागू विंडफाल टैक्स में कमी करने पर विचार कर रही है और इसकी समीक्षा के लिए शुक्रवार को एक बैठक होने का अनुमान है। ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों में कमी के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है, जिससे रिफाइनर्स के प्रॉफिट में भी कमी आ गई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के हवाले से यह बात सामने आई है।

सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को काबू में रखने के लिए हाल में विंडफाल टैक्स लगाया था।

कच्चे तेल में गिरावट का रखा जाएगा ध्यान


सरकार के इसी ऐलान के मुताबिक, शुक्रवार को होने वाली मीटिंग में गैसोलीन, डीजल और जेट फ्यूल, पर लगाए गए विंड फॉल टैक्स में वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमतों में आई गिरावट को ध्यान में रखते हुए कटौती का ऐलान किया जा सकता है। सूत्रों ने यह भी बताया कि अगर इस तरह की कटौती लागू होती है तो वो तत्काल प्रभाव से लागू होगी।

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एक जुलाई को लगाया था विंडफाल टैक्स

बीती 1 जुलाई को सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर एक्सपोर्ट टैक्स और इनके निर्यात पर बंदिशें लगा दी थीं। इसी प्रकार, तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखते हुए सरकार ने कच्चे तेल के उत्पादन पर एक स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) लगा दी थी। घरेलू कंपनियों से विंडफाल टैक्स के रूप में घरेलू उत्पादक कंपनियों से 23,250 करोड़ रुपये का सेस देने के लिए भी कहा गया था।

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क्या होता है विंडफाल टैक्स

सरकार किसी कंपनी पर विंडफाल टैक्स तब लगाती है, जब उन्हें ऐसे हालात के कारण बड़ा फायदा होता है जिसके लिए वह जिम्मेदार नहीं होती हैं। इसका सीधा उदाहरण है रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) पर हमला किया, जिस कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली और तेल कंपनियों को फायदा देखने को मिला है। इसके चलते तेल की कीमतें 122 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गईं और फिलहाल यह 100 डॉलर के आसपास बनी हुई हैं।

तेल की मांग में गिरावट की आशंका

अमेरिका में मंदी की आशंका और चीन में कोविड के चलते लागू प्रतिबंधों के चलते तेल की मांग में गिरावट की आशंका है। इस वजह से इसकी कीमत पर दबाव नजर आ रहा है। पिछले दो हफ्तों के दौरान डीजल, गैसोलीन और एविएशन फ्यूल के मार्जिन पर भारी दबाव देखने को मिल रहा है। इससे रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे फ्यूल एक्सपोर्टर और ONGC जैसी गैस और तेल उत्पादक कंपनियों के मुनाफे पर भारी दबाव देखने को मिला है।

हर 15 दिन में होगी टैक्स की समीक्षा

विंडफाल टैक्स लगाने के ऐलान के बाद राजस्व सचिव तरुण बजाज (Tarun Bajaj) ने कहा था, “अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर हर 15 दिन में इस टैक्स की समीक्षा की जाएगी। यदि कच्चे तेल सस्ता होता है तो विंडफाल गेंस पर राहत दी जाएगी और विंडफाल टैक्स भी हटा दिया जाएगा।”

 

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