राज्य शिक्षा विभाग के पास फंड की कमी के कारण, सरकारी स्कूल मरम्मत के लिए लगभग एक महीने से पैसे का इंतजार कर रहे हैं। लुधियाना के एक स्मार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में निर्माण कार्य चल रहा है। क्योंकि स्कूल में ज्यादा छात्र हैं और उनके रहने के लिए जगह कम है, इसलिए उनके लिए आगामी सत्र के लिए अतिरिक्त कमरा तैयार करना जरूरी है।
Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल के अधिकारियों ने फंड की कमी के कारण बमुश्किल अपनी जेब से काम जारी रखा है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "फिलहाल हम अपनी जेब से पैसा खर्च कर रहे हैं, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चल सकता।"
PPA जनरेट नहीं करने का आदेश
उन्होंने खुलासा किया कि तीन से चार लाख की फिजिकल पेमेंट एडवाइस (PPA) पेंडिंग थीं। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) पर PPA जनरेट नहीं करने का आदेश दिया है।
PFMS एक पोर्टल है, जिसका इस्तेमाल केंद्र की तरफ से स्कूलों को सीधे फंड भेजने के लिए किया जाता है, ताकि वे उनका इस्तेमाल कर सकें। आवंटन के बाद, स्कूल अलग-अलग मदों के तहत तय फंड को निकाल सकते हैं।
एक काम पूरा होने के बाद, स्कूल पोर्टल पर वेंडर को पैसा ट्रांसफर शुरू करता है और एक PPA बनाता है, जिसे फिर स्कूल अकाउंट वाले बैंक में जमा करना होता है और वैरिफिकेश के बाद पेमेंट पूरा हो जाता है।
हम पैसे का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते?
लुधियाना के एक स्कूल प्रिंसिपल ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (BPEO) ने उन्हें PPA जेनरेट न करने के लिए कहा था।
अधिकारी ने कहा, “हमने ₹1 लाख तक के कुछ PPA तैयार किए थे। सबसे पहले, हमने PFMS पर कटौती का आंकड़ा देखा, लेकिन क्योंकि हमने PPA जमा नहीं किया, इसलिए अमाउंट पोर्टल पर दिखाई देने लगा। मुझे यह समझ नहीं आता। अगर हमारे पास पैसा है, तो हम इसका इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते?”
जिले के एक BPEO ने अपनी पहचान उजागर न करते हुए इसकी पुष्टि की। उन्होंने दावा किया कि विभाग ने उन्हें स्कूलों का पेमेंट रोकने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, "अगर यह कोई तकनीकी समस्या होती, तो इसे कुछ दिनों में हल कर लिया गया होता।"
'केंद्र से पेंडिंग धनराशि के कारण ऐसा हुआ'
मामले की पुष्टि करते हुए पंजाब के स्कूल शिक्षा महानिदेशक विनय बुबलानी ने कहा, "यह सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र से पेंडिंग धनराशि के कारण हुआ।
उन्होंने कहा, “हम चालू वर्ष के लिए तीसरी और चौथी किस्तों का इंतजार कर रहे हैं और वे धनराशि मिलने के बाद ही सिस्टम काम कर सकता है। हमने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए केंद्र को भी लिखा है और उम्मीद है कि कुछ दिनों में फंड मिल जाएगा।"
चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र ने करीब 1300 करोड़ रुपए दिए थे। बुबलानी ने दावा किया कि इसका 50 प्रतिशत इस्तेमाल किया जा चुका है।