संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में MBBS (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) की पढ़ाई करना बहुत से छात्रों का सपना होता है। हालांकि अमेरिका की किसी भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करना आसान नहीं है। अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई टॉप लेवल पर मानी गई है। बहुत से अमेरिकी छात्रों का सपना मेडिकल की पढ़ाई का होता है। यहां इंजीनियरिंग, साइंस, टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर की बेहतर तरीके से पढ़ाई कराई जाती है। अमेरिका में अब विदेशी छात्र भी मेडिकल की पढ़ाई करने आने लगे हैं। इसकी वजह ये है कि अमेरिका में डॉक्टरों की सैलरी बहुत ज्यादा होती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में होने वाली मेडिकल की पढ़ाई और भारत में होने वाली एमबीबीएस की पढ़ाई बिल्कुल अलग हैं। यहां का पैटर्न भारतीय से पूरी तरह से अलग है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारतीय छात्र अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई कर किस तरह से डॉक्टर बन सकता है।
भारतीयों को अमेरिका में कैसे मिलेगी MBBS की डिग्री
भारत में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद नीट की परीक्षा देकर देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज या विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई की जा सकती है। वहीं, यूएस में एमबीबीएस पोस्ट ग्रेजुएट यानी परास्नातक डिग्री है। ऐसे में अगर भारत से कोई 12वीं पास छात्र यूएस में एमबीबीएस करना चाहता है तो या तो उसे भारत में एमबीबीएस करना होगा या फिर यूएस में किसी कॉलेज से प्री मेडिकल डिग्री लेनी होगी। भारत से एमबीबीएस कर चुके किसी भी छात्र को यूएस में एमबीबीएस या डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन एमडी करने के लिए सामान्य तौर पर 4 साल का समय लगता है। दो साल थ्योरी क्लास के लिए होते हैं। जबकि दो साल क्लीनिकल प्रैक्टिस करना होता है। अमेरिका में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए सभी को प्री-मेडिकल प्रोग्राम पूरा करना होता है।
अमेरिका में डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है?
अमेरिका में एक डॉक्टर का सैलरी लोकेशन, स्पेशलाइजेशन, एक्सपीरियंस आदि पर निर्भर करता है। डॉक्टर में सबसे अधिक सैलरी वाला क्षेत्र प्लास्टिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी या ऑर्थोपेडिक सर्जरी है। अमेरिका में एक डॉक्टर का सालाना औसत वेतन करीब 1.4 करोड़ रुपये है। कुल मिलाकर डॉक्टर बनने के बाद आप प्रैक्टिस करते हुए लोगों की जान बचाने के साथ ही अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं।