Pariksha Pe Charcha 2024: 'दूसरों से नहीं, खुद से प्रतिस्पर्धा करें', पीएम मोदी ने परीक्षाओं से पहले छात्रों को दी तनाव मुक्त एग्जाम का मंत्र

Pariksha Pe Charcha 2024: प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को 'परीक्षा पे चर्चा (Pariksha Pe Charcha)' कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस भारत मंडपम में विश्व के बड़े-बड़े नेताओं ने भविष्य की चर्चा की थी उसी स्थान पर आज भारत के भविष्य की चर्चा परीक्षा की चिंताओं के साथ करने वाले हैं। कला उत्सव के विजेताओं के साथ प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से दो छात्रों और एक शिक्षक को आमंत्रित किया गया है

अपडेटेड Jan 29, 2024 पर 12:22 PM
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Pariksha Pe Charcha 2024: पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां जीवन में प्रेरणा का काम करती हैं

Pariksha Pe Charcha 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को नई दिल्ली स्थित 'भारत मंडपम' में 'परीक्षा पे चर्चा (Pariksha Pe Charcha)' के 7वें संस्करण में शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने परीक्षाओं से पहले छात्रों को तनाव मुक्त रहने का मंत्र दिया। छात्रों को भारत के भविष्य का आकार देने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम उनके लिए भी एक परीक्षा की तरह है। पीएम मोदी ने बच्चों के सभी सवालों का जवाब दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से कहा कि प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां जीवन में प्रेरणा का काम करती हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए।

पीएम नरेंद्र मोदी ने छात्रों के साथ अपने संवाद की शुरुआत करते हुए कहा कि जिस भारत मंडपम में विश्व के बड़े-बड़े नेताओं ने भविष्य की चर्चा की थी उसी स्थान पर आज भारत के भविष्य की चर्चा परीक्षा की चिंताओं के साथ करने वाले हैं। एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होता है। आपमें से बहुत से लोग हैं जो हो सकता है मेरी परीक्षा लेना चाहते हों। उन्होंने कहा कि छात्र पहले से कहीं अधिक नवोन्मेषी हो गए हैं, ये कार्यक्रम मेरे लिए भी एक परीक्षा की तरह है।

पीएम मोदी ने कहा, "परीक्षा पे चर्चा का ये सांतवा एपिसोड है। ये सवाल (तनाव से जुड़ा) हर बार आया है और अलग-अलग तरीके से आया है। इसका मतलब ये है कि सात सालों में सात अलग-अलग बैच इन परिस्थितियों से गुजरे हैं और हर नए बैच को भी इन्हीं समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। छात्रों के बैच बदलते हैं लेकिन शिक्षकों के बैच नहीं बदलते। यदि शिक्षकों ने मेरे अब तक के एपिसोड्स की बातों का कुछ न कुछ अपने स्कूल में संबोधन किया हो तो शायद हम इस समस्या को धीरे-धीरे कम कर सकते हैं।"


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है... उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे।"

टेंशन फ्री एग्जाम का दिया मंत्र

पीएम मोदी ने छात्रों को टेंशन फ्री एग्जाम का मंत्र देते हुए कहा कि हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है।

'दूसरों से नहीं, खुद से प्रतिस्पर्धा करें'

प्रधानमंत्री मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा' में छात्रों से कहा, 'दूसरों से नहीं, खुद से प्रतिस्पर्धा करें।' इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम में बच्चों के माता-पिता से कहा कि आपको किसी बच्चे की तुलना किसी दूसरे से नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उसके भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ माता-पिता अपने बच्चे के 'रिपोर्ट कार्ड' को अपना 'विजिटिंग कार्ड' मानते हैं, यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि परीक्षा के तनाव को बच्चों के साथ-साथ पूरे परिवार और टीचर को मिलकर एड्रेस करना चाहिए। अगर जीवन में चुनौती और स्पर्धा ना हो, तो जीवन प्रेरणाहीन और चेतनाहीन बन जाएगा।

टीचर्स से की ये अपील

PM मोदी ने कहा, "किसी भी टीचर के मन में जब ये विचार आता है कि मैं छात्र के इस तनाव को कैसे दूर करूं?... अगर शिक्षक और छात्र का नाता एग्जाम के कालखंड का है तो सबसे पहले वो नाता सही करना चाहिए। छात्र के साथ आपका नाता पहले दिन से परीक्षा आने तक निरंतर बढ़ते रहना चाहिए तो शायद परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी। आज मोबाइल का जमाना है... क्या कभी किसी छात्र ने आपको फोन किया है?... जिस दिन आप पाठ्यक्रम से आगे निकलकर उससे नाता जोड़ोगे तो वो अपनी छोटी-मोटी समस्याओं में भी आपसे अपनी मन की बात करेगा।"

शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित 'परीक्षा पे चर्चा' में पिछले छह वर्षों से छात्र, अभिभावक और शिक्षक शामिल होते रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण चौथा संस्करण ऑनलाइन आयोजित किया गया था जबकि पांचवां और छठा संस्करण टाउन-हॉल प्रारूप में संपन्न हुआ था।

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पिछले वर्ष के संस्करण में कुल 31.24 लाख छात्रों, 5.60 लाख शिक्षकों और 1.95 लाख अभिभावकों ने भाग लिया था। सरकार के मुताबिक, इस साल, 'माइ गोव पोर्टल' पर करीब 2.26 करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए हैं जो छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर व्यापक उत्साह को दर्शाता है।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Jan 29, 2024 12:12 PM

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