Jawan Film Review: SRK का डबल रोल, विजय की दमदार एक्टिंग और दीपिका का कैमियो, क्या टूटेगा पठान और गदर-2 का रिकॉर्ड
Jawan Film Review: पठान के रिलीज होने से पहले ही शाहरुख खान की एक फिल्म का टीजर आया था। जवान (Jawan) नाम की इस फिल्म में शाहरुख खान बिलकुल ही नए अवतार में नजर आ रहे थे। पिछले महीने इसका प्रीव्यू और ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही हर किसी की जुबां पर बस जवान का ही नाम था। एडवांस बुकिंग में भी फिल्म ने सारे रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया था। हालांकि अब यह फिल्म थियेटर में उतर चुकी है। ऐसे में आइये जान लेते हैं कि आखिर यह फिल्म है कैसी
Jawan Film Review: पिछले महीने इसका प्रीव्यू और ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही हर किसी की जुबां पर बस जवान का ही नाम था। एडवांस बुकिंग में भी फिल्म ने सारे रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया था
Jawan Film Review: पिछले कुछ वक्त से बॉलीवुड का काफी बुरा दौर चल रहा था। फिल्में सिनेमाहॉल तक दर्शकों को लाने में नाकाम हो रही थीं और ऑडियंस धीरे-धीरे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की तरफ अपना रुख मोड़ रही थी। साउथ का सिनेमा पैन इंडिया का स्वरूप ले चुका था या फिर यूं कह लें ले चुका है। ऐसे में हिंदी सिनेमा को किसी ऐसी फिल्म की दरकार थी जो ऑडियंस और कमाई दोनों की ही खाई को पाट सके। इस साल जनवरी में रिलीज हुई शाहरुख खान (Shahrukh khan) की फिल्म 'पठान' (Pathaan) ने उस खाई को पाटने का काम किया। हालांकि पठान के रिलीज होने से पहले ही शाहरुख खान की एक फिल्म का टीजर आया था। 'जवान' (Jawan) नाम की इस फिल्म में शाहरुख खान बिलकुल ही नए अवतार में नजर आ रहे थे। पिछले महीने इसका प्रीव्यू और ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही हर किसी की जुबां पर बस जवान का ही नाम था। एडवांस बुकिंग में भी फिल्म ने सारे रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया था। हालांकि अब यह फिल्म थियेटर में उतर चुकी है। ऐसे में आइये जान लेते हैं कि आखिर यह फिल्म है कैसी।
कैसी और क्या जवान की कहानी
'जवान' की कहानी का सारा सार है बदला। कहानी में एक बाप है जिसका नाम विक्रम राठौड़ है। विक्रम एक जवान है। उसकी एक पत्नी है। खुशहाल जिंदगी है। पर विक्रम को एक मिशन पर भेजा जाता है। जहां पर उसे कुछ बंदी बनाए गए सैनिकों को छुड़ाता है। पर मिशन के दौरान विक्रम और उसके साथियों को मिलता है धोखा और वो भी उनके सबसे भरोसे मंद साथी से, यानी कि उनकी बंदूकें। इसके बाद फिल्म में जो कुछ भी होता है उसके आगे बताना स्पॉइलर जैसा हो जाता है। पर आपको थोड़ा बहुत हिंट दे देते हैं। विक्रम को देशद्रोही बता दिया गया है। उसकी पत्नी को जेल हो गई है उसे भी फांसी होने वाली है। पर फांसी के वक्त पता चलता है कि उसकी पत्नी मां बनने वाली है। जेल में ही जन्म होता है एक बच्चे का।
बाप और बेटे की कहानी है जवान
बस जवान बेसिकली विक्रम राठौड़ उनके बेटे के कहानी है। बेटा एक मिशन पर है कि कैसे उसे सिस्टम को सही करना है। जिसमें उसका साथ देती हैं उसकी गर्ल्स गैंग्स। बदला लेने की इस कड़ी में विक्रम का बेटा जिसका नाम आजाद है वो कई सारे ऐसे काम करता है जो कि गलत हैं। जैसे कि मेट्रो को हाईजैक कर लेना। हजारों करोड़ रूपयों की फिरौती मांगना। पर जब वो इन सब के पीछे अपना मकसद बताता है तो आम लोगों के मन में उसकी इमेज 'रॉबिनहुड' वाली बन जाती है। आजाद का साथ देने वाली लड़कियों की भी अपनी कहानी है। आजाद अपने पिता के अलावा इन लड़कियों का बदला पूरा करने के मिशन पर भी है।
जवान में क्या अच्छा
जवान का ओपनिंग सीन काफी अच्छा है। शुरुआत में ही एक फाइट सीन है। जो कि हिंदी सिनेमा के लिहाज से काफी रिफ्रेशिंग सा है। इसके अलावा फिल्म की पेस काफी शानदार है। अगर शाहरुख खान और नयनतारा के रोमांस वाले पार्ट को हटा दें तो फिल्म कहीं भी धीमी पड़ती हुई नहीं दिखाई देती है। फिल्म में कई सारे सरप्राइजिंग एलिमेंट्स हैं। जो कि थियेटर में फिल्म देखने के दौरान मजा देते हैं। डुप्लीकेट और पहेली के बाद शाहरुख खान को डबल रोल में देखना काफी अच्छा है। शाहरुख खान के फैंस के लिए यह एलिमेंट किसी गिफ्ट की तरह से हो सकता है। इसके अलावा फिल्म के फाइट सीक्वेंस और उनको फिल्माने का तरीका भी काफी अच्छा है।
जवान में क्या है खराब
हालांकि जैसा कि इसके ट्रेलर और रिव्यू में देखने को मिला था फिल्म की पेस उस हिसाब से थोड़ा सा कम है। एक लिहाज से ऐसा कहा जा सकता है कि जवान का प्रीव्यू ही सबसे शानदार था। क्लाइमैक्स से थोड़ा पहले आने वाला सीन भी आपको चौंका सकता है। शाहरुख की फिल्म में दीपिका का एक्सटेंडेड कैमियो भी बेहद शानदार है। यह कहा जा सकता है कि दीपिका का किरदार इसमें नयनतारा के किरदार से ज्यादा स्ट्रॉन्ग है। हालांकि नयनतारा और दीपिका के अलावा फिल्म में बाकी अभिनेत्रियों के लिए करने के लिए कुछ खास नही था।
बिना शक जवान में अगर सबसे शानदार एक्टिंग किसी ने की है तो वो हैं विजय सेतुपति। विजय सेतुपति ने इस फिल्म में काली का किरदार निभाया है। जो कि एक बड़ा आर्म डीलर है और इस फिल्म का विलन भी। विजय ने जिस कॉमिक पुट के साथ अपने किरादार को निभाया है वह काबिले तारीफ है। दीपिका ने भी अपने किरदार को काफी अच्छे तरीके से निभाया है। शाहरुख खान बाप और बेटे दोनों के रोल में हैं। हालांकि बूढ़े वाले रोल में तो फिर भी ठीक है पर जब वो आजाद बने होते हैं तब स्क्रीन पर यह साफ दिखता है कि मेकअप के जरिए उनकी उम्र को छुपाने की कोशिश की जा रही है। नयनतारा के किरदार को थोड़ा स्ट्रॉन्ग बनाने की कोशिश हुई है। हालांकि एक वक्त के बाद उनके पास करने के लिए कुछ खास नहीं रहता है।
जवान का डायरेक्शन, वीएफएक्स, सिनेमैटोग्राफी और म्यूजिक
जवान की जान अगर कुछ है तो वो है इस फिल्म का दमदार बीजीएम यानी बैकग्राउंड स्कोर और इसका वीएफएक्स। इस फिल्म से रेड चिलीज ने यह साबित कर दिया है कि उससे अच्छा वीएफएक्स फिलहाल कोई नहीं कर सकता है। इसके अलावा फिल्म की सिनेमैटोग्राफी, पिक्चराइजेशन और म्यूजिक भी काफी अच्छा है। एटली ने मास सिनेमा बनाने में अच्छी खासी महारत हासिल कर ली है। फिल्म में एटली के साउथ सिनेमा का पुट हावी रहता है।
देखें या ना देखें फिल्म
जवान बॉलीवुड और साउथ सिनेमा का एक अच्छा कॉकटेल है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह एक मास सिनेमा है। हालांकि फिल्म देखते वक्त आपको साउथ की कई सारी फिल्मों के साथ 'स्वदेश' और 'गब्बर इज बैक' का फील भी आ सकता है। इसके अलावा अगर आप जवान से जुड़ी खबरों को लगातार फॉलो कर रहे हैं और साउथ का सिनेमा रेगुलर देखते हैं तो आपकी आंखें किसी खास चेहरे की तलाश में जरूर हो सकती हैं। फिल्म में एक तरह का सोशल मैसेज देने की कोशिश भी हुई है। वीकेंड की छुट्टियों में टाइमपास के लिए एक बार यह फिल्म देख सकते हैं। हमारी तरफ से इस फिल्म को तीन स्टार।