साउथ इंडियन फिल्मों की फेमस अभिनेत्री रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna Deepfake Video) का एक वीडियो इंटरनेट पर चर्चा का मुद्दा बना हुआ है और खासा वायरल भी हो रहा है। हालांकि अब इस वीडियो की काली सच्चाई बाहर निकल कर आई है। दरअसल रश्मिका यह वीडियो 'डीप फेक' (Deepfake) टेक्नोलॉजी की सहायता से बनाया गया है। अब इस मामले में बॉलीवुड के फेमस अभिनेता अमिताभ बच्चन भी रश्मिका के सपोर्ट में उतर आए हैं। उन्होंने इस मामले में दोषियों पर कड़ा ऐक्शन लेने की मांग की है। वहीं केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी इस मामले का संज्ञान ले लिया है।
रश्मिका मंदाना ने कहा कि बेहद डरावना है यह
यह डीपफेक वीडियो इस वक्त इंटरनेट पर खासा वायरल है और इसे अभी तक लाखों की ताददा में व्यूज मिल चुके हैं। अब इस मामले में अभिनेत्री ने अपनी चिंता को भी जाहिर किया है। रश्मिका का कहना है कि मुझे बड़े दुख के साथ फैल रहे मेरे डीपफेक वीडियो के बारे में बात करनी है। ईमानदारी से कहूं तो यह न केवल मेरे लिए, बल्कि हममें से हर एक के लिए बेहद डरावना है। साथ ही मंदाना ने अपने शुभचिंतकों, दोस्तों और परिवार के प्रति अपना आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि अगर स्कूल या कॉलेज में मेरे साथ ऐसा हुआ होता तो मैं इससे निपटने के बारे में सोच भी नहीं पाती। उन्होंने इस मुद्दे से सख्ती के साथ निपटने पर जोर दिया। उन्होंने अपने ट्वीट में साइबराबाद पुलिस, साइबर सुरक्षा हैंडल @Cyberdost और महाराष्ट्र साइबर सहित कई अधिकारियों को टैग भी किया।
AltNews के पत्रकार ने किया था खुलासा
डीपफेक वीडियो का खुलासा करने वाले AltNews के फैक्ट चेकर अभिषेक कुमार ने भारत में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एक कानूनी और नियामक ढांचे की तत्काल आवश्यकता बताई। उन्होंने वीडियो को खारिज करते हुए कहा, "आपने इंस्टाग्राम पर अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का यह वायरल वीडियो देखा होगा। लेकिन रुकिए, यह जारा पटेल का एक डीपफेक वीडियो है।"
राजीव चंद्रशेखर ने लिया मामले का संज्ञान
मामले का संज्ञान लेते हुए आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया कि नरेंद्र मोदी जी की सरकार इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले सभी डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। अप्रैल, 2023 में अधिसूचित आईटी नियमों के तहत यह प्लेटफॉर्म के लिए एक कानूनी दायित्व है। इसमें यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी यूजर की तरफ से कोई भी गलत सूचना ना पोस्ट की जाए। किसी यूजर या सरकार की तरफ से पोस्ट किए जाने के बाद गलत सूचना को 36 घंटे में हटाना जरूरी है। अगर कोई प्लेटफॉर्म इस नियम को नहीं मानता है तो नियम 7 लागू होगा IPC के नियमों के तहत पीड़ित व्यक्ति उस प्लेटफॉर्म के खिलाफ अदालत जा सकता है। डीपफेक, फेक न्यूज से भी ज्यादा खतरनाक है।