Shaitaan Review: राह चलते, अखबारों के पन्ने पलटते, बसों के शीशों पर और धार्मिक स्थलों के आस-पास की दीवारों पर आपने कई बास वशीकरण (Shaitaan Black Magic) से जुड़े ऐड देखे होंगे। उन्हें देखकर हंसते-खिलखिलाते आप भी आगे बढ़ गए होंगे। बात इतनी सी है कि ‘मानो तो भगवान ना मानो तो इंसान’ और फिर आता है शैतान। भूत-प्रेत (Shaitaan Horror Impact) की कहानियां अकसर आपके रोंगटे खड़े कर देती होंगे लेकिन वशीकरण ऐसी चीज है कि जिसमें आदमी चाहकर भी अपने होश में नहीं रहता है। अजय देवगन (Ajay Devgn Shaitaan) ने 2003 में उर्मिला मातोंडकर के साथ हॉरर फिल्म भूत की थी। वहीं आर. माधवन (R. Madhvan Shaitaan) की 13B भी इस कैटेगरी की बेमिसाल फिल्म है। अब दोनों दिग्गज कलाकारों को जोड़कर बनी है शैतान (Shaitaan Film Review) यानी एक्टिंग की परफेक्ट कॉकटेल। हर सीन के साथ आप फिल्म से कनेक्ट होते हैं, पलक झपकी तो एडवेंचर मिस। तो अपनी सीट की पेटी बांध लीजिए क्योंकि फिल्म में एक्टिंग, स्क्रीनप्ले, BGM, स्टोरी से लेकर एक्टिंग के परत दर परत समझा जाएगा।
Shaitaan की स्टारकास्ट और एक्टिंग का कमाल
फिल्म में पांच ही मुख्य किरदार हैं। अजय देवगन, आर. माधवन, ज्योतिका, जानकी बोडीवाला और अंगद राज। अजय देवगन का किरदार फिल्म के साथ-साथ बड़ा होता है। शुरुआत में आपको काफी फीका और कमजोर सा लगेगा लेकिन हर सीन के साथ बतौर कबीर अजय देवगन की एक्टिंग का ग्राफ बढ़ा है। वहीं बिना किसी डाउट के आर. माधवन की इंटेसिटी, डायलॉग डिलीवरी आपको मजेदार लगेगी। ज्योतिका भले ही लंबे समय बाद बॉलीवुड में दिखाई दी हैं लेकिन बतौर एक्टर आज भी उनका चार्म पर्दे पर बरकरार है। वहीं ज्योतिका स्क्रीन पर जानवी की भूमिका में नजर आईं। जानवी भले ही जितनी भी मासूम आपको शुरू में दिखे लेकिन वश में आने के बाद उनके हाव-भाव में हॉरर इंपेक्ट आपके रोंगटे खड़ा कर देगा। ध्रुव के किरदार में दिखाई दिए अंगद भी आपको कुछ सीन्स में भले ही फीके दिखें लेकिन इमोशनल सीन्स में उनकी पकड़ अच्छी रही। बतौर डायरेक्टर विकास बहल ने अपनी नाटक मंडली को बिखरने नहीं दिया। जब भी सीन में किसी एक की एक्टिंग कम पड़ती तो दूसरा किरदार आकर मोर्चा संभालता।
शैतान के ट्रेलर से ही एक बात साफ हो जाती है कि आर. माधवन तांत्रिक हैं। अजय देवगन पिता और ज्योतिका मां। दोनों के घर में आर. माधवन की एंट्री से भूचाल आ जाता है। उनकी बेटी उनकी बात सुनने की जगह आर. माधवन की ही बात मानती है। पूरी कहानी में भले ही लाइमलाइट आर. माधवन ले जाते हैं क्योंकि ये कहानी की डिमांड भी है। आप भले ही फिल्म की शुरुआत में पांच मिनट के लिए थोड़ा बोरियत फील करेंगे लेकिन जैसे ही सीन में आर. माधवन की एंट्री होती है। फिल्म में तेजी से चीजें बदलती हैं। आपको हर सीन में काले जादू की इंटेसिटी का एहसास होगा। फिल्म सस्पेंस के खुलते ही ऑडिएंस राहत की सांस ले पाएगी। आर. माधवन का सपना होता है थानोस बनने का। जो मैं कहूं, सोचूं बस वो हो। इतना शक्तिशाली बनने का कि वो ही परमात्मा हो।
ये पब्लिक है ये सब जानती है और पब्लिक की आंखों से कुछ नहीं बचता। कुछ जगहों पर ऐसी चीजें हैं जिन्हें देखकर आप कहेंगे कि कुछ तो गड़बड़ है दया। पूरी फिल्म में अजय देवगन को कबीर नाम से बुलाया जाता है। आखिरी के सीन में एक महिला पुलिस अधिकारी उन्हें ऋषि बुलाती है। एक फिल्म के लिहाज से कैरेक्टर के नाम को लेकर ये कनफ्यूजन अवॉइड की जा सकती थी। बाकि ‘अहं ब्रह्मास्मि’ ये दो शब्द आपने Sacred Games में भी सुनेंगे। ऐसे में एक पॉपुलर सीरीज से मिलते-जुलते शब्दों को फिल्म में लाना रिस्की है। हॉरर फिल्मों के सीन अकसर रिपीटेड लगते हैं। जैसे एक सीन में जानवी ध्रुव का पीछा करती है। फिर दरवाजे को हथौड़े से तोड़ती है। ये सीन बहुत सारी फिल्मों में पहले भी इस्तेमाल किया जा चुका है। इसके बाद आता है तकनीक का इस्तेमाल। अजय देवगन लाइव लोकेशन की मदद से आर. माधवन का पीछा करते हैं। यहां कई बार नॉर्मल जगहों पर सिग्नल साथ नहीं देता है और यहां भयानक जंगल के बीच भी अजय देवगन का नेटवर्क फुल स्पीड में काम कर रहा है।
म्यूजिक को सुन आपको ऐसा लगेगा कि पहले भी कहीं सुना है। महाभारत का फेमस टाइटल सॉन्ग 'है कथा संग्राम की' अगर आपको याद हो तो उसी के लिरिक्स को थोड़ा-ऊपर नीचे कर दीजिए और म्यूजिक को थोड़ा इंटेस तो शैतान का BGM बन जाता है।
अगर 2023 के ग्राफ को उठाकर देखें तो कमर्शियली सक्सेस रही फिल्में लार्जर दैन लाइफ कैरेक्टर्स और अल्फा मेल जैसी फिल्में ही लोगों को एंटरटेन कर पाने में कामयाब रही हैं। इस फिल्म में कहानी है, किरदार हैं, इमोशन हैं और मैडी के साथ-साथ एक दिलजला भी है। फिल्म आपको 15 मिनट के बाद सीट से उठने नहीं देगी। लेकिन हॉरर, सुपरनैचुरल पसंद ना करने वाले देखने ना जाएं क्योंकि फिल्म ने अपनी ऑडिएंस पहले से ही डिसाइड कर ली है। फिल्म आपको पैसा वसूल लगेगी। जाइए और सिनेमा के जादू में खो जाइए।