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Shark Tank India: नमिता थापर ने 25 कंपनियों में 10 करोड़ रुपये का किया निवेश, उन्हें है सबसे बड़ा पछतावा

Shark Tank India: शार्क टैंक इंडिया के जजों में नमिथा थापर भी शामिल थी, उन्होंने शो के दौरान कितना निवेश किया है, इसका खुलासा किया है

अपडेटेड Feb 12, 2022 पर 4:21 PM
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नमिता थापर को है इस बात का पछतावा

Shark Tank India: Shark Tank India: सोनी चैनल का एक्सपेरिमेंटल बिजनेस रिएलिटी शो शार्क टैंक इंडिया ने जमकर सुर्खियां बटोरी हैं। इस शो के जज बिजनेसमैन के तौर पर पॉपुलर हो गए हैं। ये जज शो के दौरान स्टार्ट-अप्स पर पैसे लगाते हैं और फंडिंग के नाम पर करोड़ों रुपये बांटते हैं। शो के प्रति लोगों की दीवानगी बढ़ती जा रही है। शो के कई जज दिल खोलकर पैसे लगा रहे हैं और एक निवेशक के तौर पर नई पीढ़ी के दिलों में राज कर रहे हैं।

ऐसे ही एमक्योर फार्मास्युटिकल्स (Emcure Pharmaceuticals) की एग्जक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर (Namita Thapar) ने शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India Judge) को जज करने के दौरान किए गए निवेश और शो खत्म होने के बाद हुए पछतावे के बारे में जिक्र किया है। उन्होंने अपने एक आर्टिकल में बताया कि कैसे उनके हाथ से अवसर खो गए और बतौर बिजनेस लीडर वह कितनी कमजोर हो गईं थीं और उन्हें पछतावा हो रहा था।

नमिता थापर (Namita Thapar) ने खुलासा किया कि उन्होंने ‘शार्क टैंक इंडिया’ के पहले सीजन में 170 बिजनेस आइडिया (pitches) का मूल्यांकन किया और 25 बिजनेस में 10 करोड़ रुपये निवेश किए। उन्होंने लिखा, मैंने करीब 170 बिजनेस आइडिया को देखा और 25 कंपनियों में 10 करोड़ रुपये निवेश किए हैं जो मेरे दिल को छू गए। मैंने शो के दौरान 7 करोड़ रुपए का निवेश किया। शो के बाद 3 करोड़ रुपये का निवेश उन डील में किया जिन्हें मैंने शो के दौरान छोड़ दिया था, क्योंकि मैं कुछ मौजूदा बिजनेस आइडिया में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का का सोच रही थी।

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योरस्टोरी (YourStory) पर पब्लिश लेख में, उन्होंने कुछ बिजनेस आइडिया का सपोर्ट नहीं करने के बारे में अपने सबसे बड़े पछतावे (biggest regrets) के बारे में बात की। थापर ने कहा कि बतौर भविष्य के लीडर के तौर पर हमें न सिर्फ उन फाउंडर्स को चैंपियन बनाने की जरूरत है जो हमारे लिए स्केल स्थापित कर सकते हैं और पैसा कमा सकते हैं, बल्कि उन लोगों को भी सही मेंटरशिप की भी जरूरत है। जिनके पास जबरदस्त क्षमता है और एक सच्ची समस्याओं पर काम कर रहे हैं। लेकिन उनके पास अपने बिजनेस में ट्रैक्शन (traction) हासिल करने के लिए सही मेंटोरशिप नहीं है।

एग्रो टूरिज्म के जुगाडू कमलेश और पांडुरंग दोनों महाराष्ट्रीयन किसान थे जो सच्ची समस्याओं को हल करने के लिए निकले थे, लेकिन सही मार्गदर्शन की कमी के चलते वो बिक्री नहीं कर पाए। ऐसे में मेरे जैसे लीडर्स को बोल्ड होने की जरूरत है, ऐसे फाउंडर्स का समर्थन करें और सुनिश्चित करें कि वे सफल बनें ताकि एन्टरप्रेन्योरशिप न केवल सही शिक्षा और संसाधनों वाले लोगों का बल्कि आम आदमी का भी सपना बन जाए।

थापर को इस बात का है पछतावा

थापर ने आगे लिखा है कि यह हमारी बड़ी जिम्मेदारियों में से एक है, क्योंकि कारोबार जगत के लीडर जिन्हें पावर और प्रिविलेज मिले हैं, जिन्हें लोग देखते हैं… और कमलेश और पांडुरंग के बिजनेस आइडिया में निवेश नहीं करना शार्क टैंक इंडिया में मेरा सबसे बड़ा प पछतावा है।

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