फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज नई दिल्ली में नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (National Monetisation Pipeline -NMP) लॉन्च करेंगी। इस पाइपलाइन के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी ऐसी इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स् (infrastructure assets) की एक लिस्ट बनाई जाएगी। जिसे सरकार को अगले 4 साल में बेचना है।
एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इससे निवेशकों को एक तरह की विजिबिलिटी तो मिलेगी ही, साथ ही इस पाइपलाइन से एसेट्स की बिक्री को लेकर सरकार का एक मध्यम अवधि (medium-term) का रोडमैप बनकर तैयार हो जाएगा।
NMP चार साल की एक पाइपलाइन है। इसमें केंद्र सरकार के ब्राउनफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स (brownfield infrastructure assets) को शामिल किया जाएगा। यूनियन बजट 2021-22 में सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एसेट मोनेटाइजेशन पर काफी जोर देने की घोषणा की थी और कई अहम घोषणाओं को शामिल किया है।
बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (Department of Investment and Public Asset Management -DIPAM) के सेक्रेटरी तुहीन कांत पाण्डेय (Tuhin Kanta Pandey) ने इस महीने के शुरुआत में कहा था कि सरकार मोनेटाइजेशन के लिए करीब छह लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स को अंतिम रूप दे रही है। इन एसेट्स में नेशनल हाईवेज और पावरग्रिड पाइपलाइन शामिल हैं।
उन्होंने कहा था कि संभावित ब्राउनफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स (brownfield infrastructure assets) के लिए एक नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को लॉन्च किया जाएगा। प्रगति (progress) पर नजर रखने के लिए और निवेशकों को एक तरह की दृष्टि (visibility) मुहैया कराने के लिए एक एसेट मोनेटाइजेशन डैशबोर्ड भी बनाया जाएगा।