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PPF पर सरकार ने फॉर्मूले से भी कम ब्याज कायम रखा, टैक्स बेनिफिट का दिया हवाला

सरकार ने बाजार के ब्याज दरों में बदलाव के अनुरूप PPF पर ब्याज दर में "जानबूझकर" बढ़ोत्तरी नहीं की है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि टैक्स बेनिफिट स्कीम के कारण सरकार ने इसमें वृद्धि नहीं की है। PPF सरकार के सबसे लोकप्रिय लघु बचत साधनों में से एक है। इसकी वजह ये है कि कमाये गये ब्याज पर टैक्स नहीं लगता है

अपडेटेड Oct 24, 2023 पर 12:03 PM
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RBI की इसी महीने 6 अक्टूबर को जारी नवीनतम मॉनेटरी पॉलिसी के अनुसार PPF के लिए फॉर्मूला-बेस्ड ब्याज दर 7.51 प्रतिशत होनी चाहिए

सरकार ने बाजार के ब्याज दरों में बदलाव के अनुरूप सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund (PPF) पर ब्याज दर में "जानबूझकर" वृद्धि नहीं की है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि टैक्स बेनिफिट स्कीम के कारण सरकार ने इसमें वृद्धि नहीं की है। PPF वर्तमान में 7.1 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर देता है। ये सरकार के सबसे लोकप्रिय लघु बचत साधनों में से एक है। इसकी वजह ये है कि कमाये गये ब्याज पर टैक्स नहीं लगता है। बचतकर्ता आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक अपने वार्षिक आय में कटौती कर सकता है। हालांकि ब्याज की वर्तमान दर, जिसमें साढ़े तीन साल से कोई बदलाव नहीं किया गया है, वह सरकार के खुद के फॉर्मूले द्वारा निर्धारित दर से कम है।

लघु बचत ब्याज दरें सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं। लेकिन ये गवर्नमेंट सिक्टोरिटीज के मार्केट यील्ड से जुड़ी होती हैं। ऐसे में जब संबंधित अवधि के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों (government securities) पर मार्केट यील्ड बढ़ती या घटती है, तो लघु बचत योजनाओं (small savings schemes) पर ब्याज दरें सरकार के फॉर्मूले के अनुसार उसी दिशा में होनी चाहिए।

मॉनेटरी पॉलिसी में 7.51  प्रतिशत ब्याज दर का किया उल्लेख


इसी महीने 6 अक्टूबर को जारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नवीनतम मॉनेटरी पॉलिसी के अनुसार, PPF के लिए फॉर्मूला-बेस्ड ब्याज दर 7.51 प्रतिशत होनी चाहिए।

जून 2011 में तत्कालीन आरबीआई डिप्टी गवर्नर श्यामला गोपीनाथ की अध्यक्षता वाली एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि लघु बचत पर ब्याज दरों को सरकारी सिक्योरिटीज पर प्रचलित बाजार दरों से लिंक करना चाहिए। सरकार ने 2016-17 से इन दरों को वार्षिक की बजाय तिमाही आधार पर नोटिफाई करना शुरू कर दिया।

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एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "श्यामला गोपीनाथ समिति (Shyamala Gopinath committee) संभवतः पीपीएफ जैसी कुछ योजनाओं पर मिलनेवाले टैक्स बेनिफिट का आकलन करने से चूक गई। यदि आप इसमें टैक्स बेनिफिट जोड़ते हैं, तो मुझे लगता है कि यह (रिटर्न) 10 प्रतिशत से अधिक है।"

नौ तिमाहियों तक लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें में नहीं हुआ कोई बदलाव

कोविड महामारी के दौरान लगातार नौ तिमाहियों तक लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा गया। जब आरबीआई के रिकॉर्ड लिक्विडिटी इंजेक्शन के कारण सरकारी बॉन्ड की यील्ड में तेजी से गिरावट आई तब सरकार ने उन्हें अक्टूबर-दिसंबर 2022 से शुरू होने वाली लगातार पांच तिमाहियों के लिए बढ़ा दिया। पिछली पांच तिमाहियों में दर वृद्धि की मात्रा 40-150 बेसिस प्वाइंट रही है।

आरबीआई ने अपनी 6 अक्टूबर की मॉनेटरी पॉलिसी रिपोर्ट में कहा, "इन संशोधनों के साथ लघु बचत योजनाओं पर वास्तविक ब्याज दरें अब फॉर्मूला-बेस्ड दरों के साथ बेहतर ढंग से अलाइन्ड हो गई हैं।"

PPF के अलावा अन्य लघ बचत योजना जो वर्तमान में अपेक्षित फॉर्मूला से कम ब्याज दर दे है - वह पांच साल की आवर्ती जमा (five-year recurring deposit) है। हालांकि, 29 सितंबर को वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर-दिसंबर के लिए इस योजना पर ब्याज दर को 20 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया था।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

 

 

 

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