Guru Nanak Jayanti Today: सिखो के पहले गुरुनानक (Guru Nanak) का जन्म 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसे गुरुनानक देव जी जयंती (Guru Nanak Dev Ji Jayanti), प्रकाश पर्व, गुरु पूरब भी कहा जाता है। आज 8 नवंबर को गुरुनानक जयंती है। गुरुनानक सिख धर्म के संस्थापक थे। सिख धर्म के लोगों के लिए यह दिन त्योहार से कम नहीं होता है। इस दिन सिख धर्म के लिए बड़े पैमाने पर उल्लास के साथ कार्यक्रम और जगह-जगह कीर्तन आयोजित करते हैं। पंजाब में सबसे ज्यादा सिख धर्म को मानने वाले लोग हैं। इस खास दिन के लिए बहुत पहले ले ही तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं।
आज गुरुनान देव की 553वीं जयंती है। उन्हें नानक देव, बाबा नानक और नानकशाह के नाम से भी जाना जाता है। लद्दाख और तिब्बत के इलाकों में उन्हें नानक लामा कहा जाता है। इनका जन्म पाकिस्तान के तलवंडी में हुआ था। जहां अब ननकाना साहिब नाम से गुरुद्वारा है। गुरु नानक देव का 16 साल की उम्र में सुलक्खनी से विवाह हो गया था। उनके दो पुत्र श्रीचंद और लखमीदास हुए। इसके बाद वह अपने साथियों के साथ तीर्थ यात्रा पर निकल गए। उन्होंने भारत समेत अफगानिस्तान, ईरान और अरब के कई देशों की यात्रा की थी। गुरु नानक देव ने दुनिया भर के कई हिस्सों की यात्रा करते हुए जीवन गुजारा। इसके बाद करतारपुर में देह त्याग दिया। इसलिए पाकिस्तान में मौजूद करतारपुर साहिब का खास महत्व है।
गुरु नानक जयंती उत्स पूर्णिमा से दो दिन पहले शुरू हो जाता है। इसमें अखंड पाठ, नगर कीर्तन जैसे कार्यक्रम किए जाते हैं। गुरु नानक जयंती के दिन देश भर के गुरुद्वारों को सजाया जाता है। जहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इस लंगर का भी आयोजन किया जाता है। सुबह वाहे गुरु जी का नाम जपते हुए प्रभात फेरी निकाली जाती है। जिसका नेतृत्व पंज प्यारे करते हैं। इस फेरी के दौरान पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में ले जाता जाता है। कुछ लोग अपने मार्शल आर्ट कौशल (martial arts skills) का प्रदर्शन करते हैं।