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24 आश्रम, कई लग्जरी कारें: भोले बाबा के पास ₹100 करोड़ से अधिक की संपत्ति, हाथरस हादसे के बाद जांच शुरू

हाथरस भगदड़ हादसे के बाद सुर्खियों में आए सूरजपाल सिंह उर्फ ​​भोले बाबा के पास कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। सूरजपाल सिंह ने करीब दो दशक पहले बाबा बनकर धार्मिक प्रवचन देना शुरू किया था, जिसने उन्हें भारी लोकप्रियता दिलाई। हाथरस में आयोजित उनके सत्संग सभा में मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं

अपडेटेड Jul 06, 2024 पर 9:44 PM
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भोले बाबा अपने अनुयायियों के सामने कम से कम 20 वाहनों के काफिले के साथ आते हैं

हाथरस भगदड़ हादसे के बाद सुर्खियों में आए सूरजपाल सिंह उर्फ ​​भोले बाबा के पास कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। सूरजपाल सिंह ने करीब दो दशक पहले बाबा बनकर धार्मिक प्रवचन देना शुरू किया था, जिसने उन्हें भारी लोकप्रियता दिलाई। उत्तर प्रदेश के हाथरस में आयोजित उनके सत्संग सभा में मची भगदड़ के बाद उनका धार्मिक साम्राज्य सुर्खियों में है। इस भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं।

शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि सत्संग के बाद नारायण साकर हरि उर्फ ​​भोले बाबा जब जाने लगे, तब श्रद्धालु उनके नजदीक से झलक पाने और उनके चरणों की धूल उठाने के लिए बड़ी संख्या में टूट पड़े। इसके चलते वहां भगदड़ मच गई।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दुखद घटना के बाद भोले बाबा के खिलाफ भी जांच शुरू की जा रही है। अधिकारियों ने उनसे जुड़ी 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का खुलासा करने वाले डॉक्यूमेंट्स जब्त किए हैं। हालांकि भोले बाबा का दावा है कि वे कभी भी दान स्वीकार नहीं करते हैं।


रिपोर्ट में कहा गया है कि वह करीब 24 आलीशान आश्रम की देखरेख करते हैं, आलीशान गाड़ियां चलाते हैं और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखते हैं। मैनपुरी में उनका एक आलीशान आश्रम है जो 21 बीघा जमीन में बना हुआ है। इस आश्रम में उनके लिए छह बड़े कमरे आरक्षित हैं। इस आश्रम को 200 लोगों से मिले दान से बनवाया गया था। कानपुर में उनका एक और आश्रम है जो कसुई गांव में करीब 14 बीघा जमीन पर फैला है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बाबा अपने अनुयायियों के सामने कम से कम 20 वाहनों के काफिले के साथ आते हैं। उनके काफिले में सबसे आगे मोटरसाइकिल पर काली वर्दी पहने करीब 15 कमांडो चलते हैं, ताकि रास्ता साफ किया जा सके। ये कमांडो अधिकतर रॉयल एनफील्ड बुलेट चलाते हैं।

भोले बाबा का पैतृक गांव कासगंज जिले के बहादुर नगर में है। इसका गांव में एक और आश्रम है, जो 60 बीघा जमीन में फैला हुआ है। उनके पैतृक गांव में स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा की उम्र 60 साल से अधिक है और उनके कोई बच्चे नहीं हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, गांव वालों ने बताया कि उन्होंने एक लड़की को गोद लिया था, जिसकी मृत्यु लगभग 16-17 साल पहले हो गई थी। उन्होंने दावा किया कि बाबा ने दो दिनों तक उसके शव को घर पर रखा था, इस उम्मीद में कि वह जीवित हो जाएगी। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और उसके बाद लड़की का अंतिम संस्कार किया गया।

इससे पहले बाबा नारायण साकार हरि उर्फ ​​भोले बाबा ने शनिवार को हाथरस में हुई भयावह घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ी। एक वीडियो बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि हाथरस में अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। 'भोले बाबा' ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "2 जुलाई की घटना के बाद मैं बहुत दुखी हूं। भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दे। कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। मुझे विश्वास है कि जिसने भी अराजकता फैलाई है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।"

उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 जुलाई को हाथरस हादसे की जांच और भगदड़ के पीछे साजिश की संभावना की जांच के लिए हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था।

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