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भारत का चालू खाते का घाटा जीडीपी के 3% के अंदर रहने की संभावना: आरबीआई बुलेटिन

2022-23 के पहले पांच महीनों के दौरान भारत का व्यापार घाटा पिछले वित्त वर्ष के इसी अवधि में 54 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 124.5 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 17, 2022 पर 9:50 AM
भारत का चालू खाते का घाटा जीडीपी के 3% के अंदर रहने की संभावना: आरबीआई बुलेटिन
RBI ने कहा है कि इस लेख में व्यक्त की गई राय लेखकों की अपनी निजी राय हैं और ये भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं

रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख के अनुसार भारत का चालू खाते का घाटा (current account deficit (CAD) 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3 प्रतिशत के भीतर रहने की संभावना है। जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह 1.2 प्रतिशत रहा था। CAD किसी देश के भुगतान संतुलन (balance of payments) का एक प्रमुख इंडिकेटर होता है।

बढ़ता व्यापार घाटा या आयात और निर्यात के मूल्य के बीच का अंतर भुगतान संतुलन पर दबाव डालता है।

2022-23 के पहले पांच महीनों के दौरान भारत का व्यापार घाटा पिछली इसी अवधि में 54 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 124.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में व्यापार घाटा 189.5 अरब अमेरिकी डॉलर था।

'स्टेट ऑफ द इकोनॉमी' शीर्षक वाले लेख में सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही गई है कि अगले कुछ महीनों में कच्चे तेल के कॉन्ट्रैक्ट्स की भविष्य की कीमतों में नरमी आई है। वनस्पति तेलों और फर्टिलाइजर्स की अंतरराष्ट्रीय कीमतें भी पहले की तुलना में अधिक नरम दिख रही हैं। इसमें कहा गया है कि अगस्त में पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में साल-दर-साल आधार पर सुधार हुआ है।

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