Indian Railways: राजधानी, शताब्दी, दूरंतो जैसी ट्रेनों के नाम कैसे पड़े? यहां जानिए पूरी डिटेल

Indian Railways: आमतौर पर ट्रेनों के नाम उनके गंतव्य स्टेशन के नाम पर रखे जाते हैं। लेकिन तीन ट्रेनें ऐसी हैं, जिनके साथ ऐसा नहीं है। इनके नाम राजधानी, शताब्दी और दूरंतो हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ये नाम ट्रेनों के कैसे रखे गए हैं? आइए जानते देश की कुछ प्रीमियम ट्रेनों के नामकरण से जुड़ी ये मजेदार जानकारी

अपडेटेड Jun 28, 2023 पर 4:22 PM
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Indian Railways: राजधानी एक्सप्रेस की शुरुआत 1969 में हुई थी। यह भारत की सबसे पुरानी एक्सप्रेस ट्रेनों में से एक है।

Indian Railways: इंडियन रेलवे एशिया का दूसरा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क (Rail Network) है। ट्रेन के जरिए हर दिन भारत में करोड़ों लोग सफर करते हैं। ऐसे में इसे आम लोगों के लिए लाइफ लाइन (Lifeline) कहा जाता है। रेलवे की ओर से देश भर में हजारों ट्रेनें चलाई जाती हैं। हर ट्रेन का एक अलग नाम और नंबर होता है। देश में कई प्रीमियम ट्रेनें भी चलाई जाती हैं। इनमें राजधानी, शताब्दी, दुरंतो जैसी ट्रेनें शामिल हैं। ऐसे में आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर इन ट्रेन के नाम किस आधार पर तय किए जाते है। आज हम आपको इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।

बता दें कि ज्यादातर ट्रेनों के नाम उनके बोर्डिंग और डेस्टिनेशन स्टेशन के आधार पर रखें जाता हैं। लेकिन राजधानी, शताब्दी और दूरंतो के नाम पहली बार है। जिसमें बोर्डिंग और डेस्टिनेशन का कोई जिक्र नहीं है। आइये जानते हैं इन ट्रेनों के नाम की कहानी

राजधानी एक्सप्रेस


राजधानी एक्सप्रेस की शुरुआत 1969 में हुई थी। यह भारत की सबसे पुरानी एक्सप्रेस ट्रेनों में से एक है। यह ट्रेन देश के शहरों को राजधानी से जोड़ती है। इसलिए इस ट्रेन का नाम "राजधानी" रखा गया। पहली राजधानी एक्सप्रेस हावड़ा और दिल्ली के बीच चली थी। यह दक्षिण एशिया की पहली ट्रेन भी थी। जिसकी अधिकतम गति 120 किमी/घंटा थी। दिल्ली से जम्मू तवी के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस का रूट सबसे छोटा है। यह 582 किलोमीटर की दूरी 9 घंटे में तय करती है। राजधानी एक्सप्रेस पहली ऐसी ट्रेन थी। जो पूरी तरह से AC थी। इस ट्रेन में यात्रियों को यात्रा के दौरान भोजन भी परोसा जाता है। मौजूदा समय में भारत में 23 राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। ये ट्रेनें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं।

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शताब्दी एक्सप्रेस 

शताब्दी ट्रेन की शुरुआत साल 1989 में की गई थी। इसे भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के 100वें जन्मदिन पर 1989 में चलाया गया था। शताब्दी का मतलब है कि 100 साल। इसलिए इसका नाम शताब्दी एक्सप्रेस है। इस ट्रेन को आमतौर पर 400 से 500 किलोमीटर की दूरी के लिए चलाया जाता है। इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड है 160 किलोमीटर प्रति घंटा है।

दुरंतो एक्सप्रेस

इस ट्रेन की संख्या राजधानी और शताब्दी दोनों से ही ज्यादा है। दुरंतो एक बंगाली शब्द है। जिसका मतलब है निर्बाध है। ये ट्रेन सबसे कम स्टेशनों पर रुकती है। लंबी दूरी के सफर को तेजी से पूरा करती है। कम स्टॉपेज के कारण इसे राजधानी से तेज माना जाता है। इसकी स्पीड भी 140 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। दुरंतो विशेष परिस्थितियों में ही प्रतिदिन चलाई जाती है। वरना आमतौर पर इसे हफ्ते में 2 या 3 दिन ही चलाया जाता है। इस ट्रेन के कोच आम ट्रेनों के कोच से ऊंचे होते हैं। जिसकी वजह से इसे जल्दी स्पीड पकड़ने में मदद मिलती है।

Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Jun 28, 2023 4:22 PM

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