Jhansi Hospital Fire: वो पिता जिन्होंने बचा ली दूसरे बच्चों की जान, लेकिन अपने बच्चे की नहीं कर सके मदद...

Jhansi Hospital Fire: इस घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और शनिवार शाम तक रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने मृतक बच्चों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी झांसी में नवजात शिशुओं की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया

अपडेटेड Nov 16, 2024 पर 4:06 PM
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घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और शनिवार शाम तक रिपोर्ट मांगी है।

Maharani Laxmi Bai Medical College Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी में शुक्रवार, 15 नवंबर की रात को हुई घटना ने हर किसी की आंखें नम कर दी हैं। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। इस हादसे में घायल हुए 16 अन्य बच्चे जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। घटना के दौरान एक पिता ऐसा रहा, जिसने उस आग से 3 बच्चों की जान बचा ली लेकिन उसके खुद के बच्चे का क्या हुआ, इस बारे में अनजान रह गया।

वह पिता हैं उत्तर प्रदेश के महोबा निवासी कुलदीप। महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के निओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में रात करीब 10:45 बजे कथित तौर पर शॉर्ट सर्किट की वजह से भीषण आग लग गई। उस समय वार्ड में 52 से 54 नवजात शिशु भर्ती थे। कुलदीप के बेटे का जन्म महज 10 दिन पहले हुआ था और उसे रुटीन चेकअप के लिए झांसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जब वह और उनकी पत्नी डॉक्टरों के लिए लॉबी में इंतजार कर रहे थे, तभी वार्ड में अचानक आग लग गई।

न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुलदीप मौके पर पहुंचे और 3 बच्चों को बचाया। इस दौरान उनका हाथ जल गया। कुलदीप अपने बच्चे की स्थिति के बारे में अपडेट का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उन्हें नहीं पता था कि वह जिंदा है या नहीं। इस बीच, उनकी पत्नी की आंखें अपने मासूम के लिए लगातार आंसू बहा रही थीं।


कई अन्य माता-पिता ने भी दिखाई सतर्कता 

आग लगने की घटना के बाद हॉस्पिटल का मंजर हर किसी की आंख में आंसू लाने वाला था। न्यूज18 के मुताबिक, अपने बच्चे को खो चुकी एक महिला ने बताया कि घटना के बाद वह अपने बच्चे को नहीं ढूंढ पाई और बाद में उसे बताया गया कि उसके बच्चे की मौत हो गई है।

चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, कई अन्य माता-पिता ने भी काफी सतर्कता दिखाई और नवजात शिशुओं को बचाने के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया। एक अन्य व्यक्ति मंगल सिंह के नवजात बेटे की जलकर मौत हो गई। उन्होंने शिशु वार्ड में भीषण आग लगने के बाद कई बच्चों को बचाया। इस बीच अधिकारियों ने भी तुरंत कार्रवाई की और 44 नवजात शिशुओं को बचा लिया गया।

25 बच्चों को बचाने वाला 'हीरो'

कृपाल सिंह राजपूत नाम के एक व्यक्ति के पोते को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह शुक्रवार रात करीब 10 बजे अस्पताल पहुंचे। जब आग लगी तो वह शिशु वार्ड में पहुंचे और उन्होंने एक ही बिस्तर पर 6-6 बच्चों को देखा। उन्होंने बताया कि वार्ड में 18 बिस्तर थे। राजपूत ने साहस का परिचय देते हुए 25 नवजात शिशुओं को बचाया लेकिन उनमें से कई भीषण आग में गंभीर रूप से घायल हो गए।

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मृतक बच्चों के परिवारों को यूपी सरकार से 5-5 लाख रुपये 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और शनिवार शाम तक रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार ने मृतक बच्चों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी झांसी में नवजात शिशुओं की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने मारे गए प्रत्येक बच्चे के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।

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