नए रोजगार देने पर इंसेंटिव्स देने वाली जिन 3 स्कीमों का ऐलान वित्त मंत्री ने बजट में किया था उसे दिसंबर में लॉन्च किया जा सकता है। सीएनबीसी आवाज को सूत्रों के हवाले से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इस स्कीम के तहत उन कंपनियों को भी इंसेंटिव्स दिया जाएगा जो ट्रस्ट के जरिये PF मैनेज करती हैं। पूरी खबर बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने बताया कि एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव्स स्कीम को लेकर तैयारी चल रही है। स्कीम की गाइडलाइंस का ड्राफ्ट तैयार है। इस पर संबंधित लोगों के साथ सलाह मशविरा जल्द होगा।
ELI स्कीम में प्राइवेट PF ट्रस्ट को भी मिलेंगे इंसेंटिव्स
सूत्रों के मुताबिक दिसंबर में लॉन्च हो सकने वाली ELI स्कीम में प्राइवेट PF ट्रस्ट को भी इंसेंटिव्स मिलेंगे। एक साथ दो स्कीमों का फायदा मिलेगा। गौरतलब है कि इस बार के बजट में वित्त मंत्री की तरफ से नए रोजगार देने पर इंसेंटिव्स देने वाली 3 एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव्स स्कीम (ELI स्कीमों) का एलान किया गया था। ये तीन योजनाएं EPFO में नामांकन पर आधारित होंगी जो पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को मान्यता देने पर फोकस करेगा। इन योजनाओं को स्कीम A स्कीम B और स्कीम C के कैटगरी में बांटा गया है।
स्कीम A में पहली बार रोजगार पाने वाले शामिल होंगे। स्कीम ए के तहत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने की वेतन सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत पात्र कर्मचारियों को एक महीने के वेतन के बराबर राशि तीन अलग-अलग किस्तों में दी की जाएगी। यह राशि 15,000 रुपये से अधिक नहीं होगी। आसान भाषा में समझें तो अगर आपकी सैलरी 1 लाख रुपये तक है तो आप अपनी पहली नौकरी में ही सरकार से 15,000 रुपये पा सकते हैं। इस योजना से 30 लाख युवा रोजगार प्राप्त करेंगे और उनके नियोक्ता लाभान्वित होंगे।
स्कीम बी के तहत वित्त मंत्री ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाली योजना का ऐलान किया है। पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार की गई इस योजना में उन्हें नौकरी के शुरुआती चार सालों के लिए ईपीएफओ अंशदान से संबंधित इंसेंटिव दिया जाएगा।
स्कीम सी के तहत, नौकरी देने वाली कंपनियों या संस्थाओ को हर एक नए नियुक्त कर्मचारी के लिए ईपीएफओ कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए दो साल की अवधि में 3,000 रुपये प्रति माह तक का रीइंबर्समेंट मिलेगा। इस योजना का लक्ष्य आर्थिक विकास और रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देना है।