Kargil Vijay Diwas 2024: कब और क्यों मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस? शहादत और बहादुरी का एक प्रतीक ये है उत्सव

Kargil Vijay Diwas: 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर देश की जीत का जश्न भी इस दिन मनाया जाता है और यही वो दिन जब ऑपरेशन विजय को सफलता मिली थी। इस ऑपरेशन में, भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में उन इलाकों पर दोबारे से फतह हासिल की, जहां पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने घुसपैठ की थी

अपडेटेड Jul 25, 2024 पर 4:09 PM
Story continues below Advertisement
Kargil Vijay Diwas 2024: कब और क्यों मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस

कारगिल विजय दिवास भारत के इतिहास में एक बेहद ही अहम दिन है, जो हर साल मनाया जाता है। ये 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों की बहादुरी को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। साथ ही 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर देश की जीत का जश्न भी इस दिन मनाया जाता है और यही वो दिन जब ऑपरेशन विजय को सफलता मिली थी। इस ऑपरेशन में, भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में उन इलाकों पर दोबारे से फतह हासिल की, जहां पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने घुसपैठ की थी।

कारगिल विजय दिवस देश जांबाज सैनिकों के बलिदानों की याद और उनकी वीरता का उत्सव है। इस साल, 2024 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर 26 जुलाई को लद्दाख के द्रास का दौरा करने वाले हैं।

कारगिल विजय दिवस की कहानी


कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। इस साल 2024 में कारगिल विजय दिवस शुक्रवार, 26 जुलाई को मनाया जाएगा। इस बार ये और भी खास है, क्योंकि कारगिल युद्ध में भारत की जीत 25 साल पूरे हो रहे हैं।

कारगिल विजय दिवस का इतिहास 1971 की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध से जुड़ा है, जिसके कारण पूर्वी पाकिस्तान 'बांग्लादेश' नाम से एक अलग देश बना।

इसके बाद भी दोनों देशों के बीच एक-दूसरे के साथ टकराव जारी रहा, जिसमें आसपास के पहाड़ी इलाकों पर सैन्य चौकियां तैनात करके सियाचिन ग्लेशियर पर हावी होने की लड़ाई भी शामिल थी। उन्होंने 1998 में अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण भी किया, जिसके कारण दोनों के बीच लंबे समय से दुश्मनी चलती रही।

इसलिए, शांति और स्थिरता बनाए रखने और तनाव को हल करने के लिए, फरवरी 1999 में 'लाहौर डिक्लेरेशन' पर साइन करके कश्मीर मुद्दे के द्विपक्षीय शांतिपूर्ण समाधान की ओर कदम बढ़ाने की कसम खाई गई।

पाकिस्तान की नापाक चाल

हालांकि, पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने कश्मीर और लद्दाख के बीच लिंक तोड़ने और अशांति पैदा करने के लिए, जम्मू और कश्मीर के उत्तरी कारगिल जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के भारतीय इलाके में घुसपैठ की और ऊंची पहाड़ी चोटियों के कई अहम प्वाइंट्स पर कब्जा कर लिया।

मई 1999 में घुसपैठ का पता चला, जिसके बाद भारतीय सेना को ऑपरेशन विजय शुरू करना पड़ा और कारगिल युद्ध हुआ। यह संघर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले और LoC पर मई से जुलाई 1999 तक चला।

दो महीनों तक दुर्गम पहाड़ी इलाके में भीषण युद्ध चला। ऑपरेशन विजय के तहत भारतीय सेना पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने में कामयाब रही और टाइगर हिल और दूसरे रणनीतिक ठिकानों पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया।

26 जुलाई, 1999 को तीन महीने के संघर्ष के बाद भारतीय सैनिकों ने ये जीत हासिल की। ​​हालांकि, युद्ध में दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ, जिसमें भारतीय सेना ने लगभग 490 अधिकारियों, सैनिकों और जवानों को खो दिया।

युद्ध में भारत की जीत, भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

कारगिल विजय दिवस का महत्व

कारगिल विजय दिवस का आयोजन राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का भी एक सशक्त प्रतीक है। कारगिल युद्ध ने भारत के सभी कोनों से लोगों को सेना के समर्थन में एकजुट किया।

इसके अलावा, युद्ध की बहादुरी और वीरता की कहानियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं, उनमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्य और समर्पण की भावना पैदा करती हैं। कारगिल विजय दिवस इसलिए भी मनाया जाता है कि शहीदों के बलिदानों को भुलाया न जाए।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।