Kolkata Doctor Rape-Murder Case News Updates: पिछले महीने कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित तौर पर बलात्कार और हत्या की शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर के परिवार ने पश्चिम बंगाल पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। पीड़िता के माता-पिता ने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस ने उनकी बेटी के शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करके मामले को दबाने की कोशिश की। साथ ही पीड़िता के पिता ने यह भी आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस ने उन्हें पैसे देकर रिश्वत देने की भी कोशिश की।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पीड़िता के पिता के हवाले से कहा, "पुलिस ने शुरू से ही मामले को दबाने की कोशिश की। हमें शव देखने की अनुमति नहीं दी गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने तक हमें पुलिस स्टेशन में इंतजार करना पड़ा। बाद में जब शव हमें सौंपा गया तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें पैसे देने की पेशकश की, जिसे हमने तुरंत अस्वीकार कर दिया।"
पीड़िता के माता-पिता ने बुधवार रात जूनियर डॉक्टरों के साथ आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग की। 9 अगस्त को 31 वर्षीय ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में मिला था।
घटना के एक दिन बाद, कोलकाता पुलिस ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में उसे अपराध के अनुमानित समय के आसपास इमारत में प्रवेश करते देखा गया था। अपराध स्थल के पास उसके ब्लूटूथ हेडफोन पाए गए थे।
जांच में पता चला कि डॉक्टर को गंभीर रूप से घायल करने और उसका यौन उत्पीड़न करने के बाद संजय रॉय ने पीड़िता का गला घोंटकर हत्या कर दी। घटना के एक सप्ताह बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी।
कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले पर विरोध-प्रदर्शन
घटना के सामने आने के कुछ दिनों बाद देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। कोलकाता में बुधवार को निवासियों ने रात 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे के लिए अपने घरों की लाइट बंद कर दीं और सड़कों पर कैंडल मार्च निकाला। रात ठीक 9 बजे विक्टोरिया मेमोरियल और राजभवन जैसे प्रमुख स्थल, शहर, उपनगर और जिलों के घर विरोध प्रदर्शन के हिस्से के रूप में अंधेरे में डूब गए। बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने भी राजभवन में मोमबत्ती जलाई। उन्होंने कहा, "जब प्रकाश से भय लगता है, तो अंधकार प्रिय होता है।"
पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भी देर शाम को सड़कों पर उतरकर लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। लोगों ने मशालें, मोमबत्तियां और यहां तक कि मोबाइल फोन की लाइट जलाकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पीड़िता के लिए न्याय की मांग की। विरोध-प्रदर्शन का आह्वान करने वाले 'पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट' ने इसे 'लेट देयर बी लाइट, लेट देयर बी जस्टिस' का नाम दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में पांच सितंबर को होने वाली सुनवाई से ठीक पहले यह विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इस मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए ताकि न्याय में और देरी न हो। इस मामले की सुनवाई वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की पीठ द्वारा की जा रही है।