'मेडिकल वेस्ट की तस्करी, लावारिश लाशों को बेचना' आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर लगे गंभीर आरोप

Kolkata Doctor Rape Murder Case: अस्पताल में डॉक्टर का रेप और हत्या के मामले में 'लापरवही' के कारण कलकत्ता हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को कटघरे में खड़ा कर चुका है। संदीप घोष तब सुर्खियों में आए, जब आरजी कर से इस्तीफा देना के ठीक चार घंटे बाद उन्हें नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया, जिस पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी

अपडेटेड Aug 21, 2024 पर 11:34 PM
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आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर लगे गंभीर आरोप

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में अब एक नया नाम चर्चाओं में है, ये संदीप घोष, जो इस मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल हैं और उन्होंने इस घटना के बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। रेप और हत्या के इस मामले के बाद, लगातार हैरान और परेशान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। संजय घोष इस वक्त CBI के रेडार पर हैं और केंद्रीय एजेंसी उनसे पूछताछ भी कर रही है। उन पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, जैसे कि छात्रों पास करने लिए रिश्वत लेना, मेडिकल वेस्ट की तस्करी करना और लावारिस लाशों को बेचना।

दरअसल आरजी कर के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने इस मामले में कोलकाता पुलिस से संपर्क किया और उन्होंने आरोप लगाया है कि घोष अस्पताल में सांठगांठ से अवैध तरीकों से लाखों रुपए कमाते हैं। Moneycontrol Hindi इन आरोपों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है।

News18 से बात करते हुए, अली ने कहा कि उन्होंने 2023 में घोष के बारे में विजिलेंस डिपार्टमेंट से शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय, व्हिसिल-ब्लोअर होने के कारण उनका तबादला जरूर कर दिया गया।


उन्होंने कहा, “मैंने घोष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। वो एक अपराधी था और इस अस्पताल से लाखों कमाता था। तब किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। अब, मैं अदालत का दरवाजा भी खटखटाऊंगा।”

अस्पताल में डॉक्टर का रेप और हत्या के मामले में उनकी 'लापरवही' के कारण कलकत्ता हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पूर्व प्रिंसिपल घोष को कटघरे में खड़ा कर चुका है।

अब संदीप घोष के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके ठीक बाद ममता बनर्जी ने उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक SIT भी बना दी है।

लंबी है आरोपों की लिस्ट

अली के अनुसार, घोष ने बांग्लादेश में अपने कुछ जानकारों को दस्ताने और सीरिंज जैसे बायो-मेडिकल वेस्ट बेचे, जबकि नियम ये कहता है कि इस तरह के वेस्ट को डिस्पोजल और रीसाइक्लिंग के लिए केवल अथॉराइज्ड सेंटर को ही सौंपा जा सकता है।

उन्होंने पूर्व प्रिंसिपल पर अस्पताल के सभी टेंडरों के लिए 20 प्रतिशत रिश्वत लेने के अलावा लावारिस लाशों को बेचने का भी आरोप लगाया। अली ने आरोप लगाया, “वो उन छात्रों से पैसे लेता था, जो एग्जाम में पास नहीं हो पाते थे। कई छात्र इस घोटाले के शिकार हुए।”

अली ने कहा कि घोष का इतना रसूख था कि कई शिकायतों के बावजूद उनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया, “वहां एक मजबूत सांठगांठ थी, इसलिए मुझे लगता है कि कुछ नहीं हुआ। मैंने वहां काफी समय तक काम किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैंने उनके खिलाफ शिकायत की, लेकिन मुझे ही निशाना बनाया गया, यहां तक ​​कि मेरा तबादला भी कर दिया गया।"

इंडिया टुडे को दिए एक और इंटरव्यू में, अली ने कहा कि महिला डॉक्टर के रेप और हत्या का आरोपी संजय रॉय पूर्व प्रिंसिपल घोष की सिक्योरिटी का हिस्सा भी था।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ये आरोप तब लगे, जब कोलकाता पुलिस ने 20 अगस्त को सरकारी अस्पताल में "वित्तीय गड़बड़ियों" के लिए घोष के खिलाफ जांच शुरू की। अस्पताल में कथित घोटाले की जांच के लिए चार सदस्यीयों की SIT बनाई गई है। हालांकि, अली के इन आरोपों पर अभी तक अधिकारियों की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

घोष पर कस रहा है फंदा

घोष से CBI भी पूछताछ कर रही है। एजेंसी के सूत्रों ने खुलासा किया कि घोष से ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि अपराध का पता चलने के बाद असल में क्या-कुछ हुआ, लेकिन हर बार की पूछताछ में वह अपने जवाब बदल रहे हैं। ऐसे में घोष मुश्किलों घिरते नजर आ रहे हैं।

एजेंसी पीड़िता के परिवार के उन आरोपों की भी जांच कर रही है कि अस्पताल की ओर से उन पर दबाव डाला गया था। CBI चाहती है कि घोष जवाब दें कि क्या उन्हें पता था कि पीड़ित परिवार पर क्यों दबाव डाला गया और क्या इस संबंध में कॉलेज अधिकारियों से कोई शिकायत की गई थी?

एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को, CBI टीम ने घोष से डॉक्टर की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी भूमिका बताने के लिए कहा, उन्होंने उसके बाद किससे संपर्क किया था और उन्होंने डॉक्टर के माता-पिता को बॉडी दिखाने से पहले करीब तीन घंटे तक इंतजार क्यों कराया?

उन्होंने बताया कि पूर्व प्रिंसिपल से यह भी पूछताछ की गई कि 9 अगस्त की सुबह PG ट्रेनी डॉक्टर का शव वहां पाए जाने के बाद, सेमिनार हॉल से सटे कमरों के रेनोवेशन का आदेश किसने दिया था।

संदीप घोष तब सुर्खियों में आए, जब आरजी कर से इस्तीफा देना के ठीक चार घंटे बाद उन्हें नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया, जिस पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी।

वहीं मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार और हत्या के मामले को आत्महत्या बताने की कोशिश के लिए घोष को फटकार लगाई और पीड़िता के माता-पिता को शव नहीं दिखाने को लेकर भी उनसे सवाल किया।

'मेडिकल वेस्ट की तस्करी, लावारिश लाशों को बेचना' आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर लगे गंभीर आरोप

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First Published: Aug 21, 2024 6:27 PM

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