Prayagraj Maha Kumbh : प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन न केवल श्रद्धालुओं की संख्या के लिहाज से हिट रहा बल्कि कमाई के लिहाज से भी नया रिकॉर्ड बनाने की तरफ है। 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के महाकुंभ पहुंचने से यूपी की इकोनॉमी को जबरदस्त बूस्ट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारों का मानना है कि महाकुंभ से कमाई का आंकड़ा 2 लाख करोड़ के भी पार जा सकता है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जब महाकुंभ शुरू हुआ तो अंदाजा लगाया जा रहा था कि करीब 45 करोड़ श्रद्धालु यहां स्नान करने पहुंचेंगे। लेकिन महाकुंभ खत्म होते-होते ये आंकड़ा 66 करोड़ के पार पहुंच गया।
महाकुंभ के जरिए राज्य की कमाई करीब दो लाख करोड़ रहने का अनुमान जताया गया था। श्रद्धालुओं के खाने-पीने, ठहरने, घूमने के दौरान जो खर्च हुआ उससे प्रदेश की इकोनॉमी को जबरदस्त बूस्ट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। CII के काउंसिल मेंबर, अनुज अग्रवाल का कहना है कि कुंभ आनेवाला हर व्यक्ति बनारस और अयोध्या गया। टेंट सिटी में रुकना और निजी वाहन का इस्तेमाल आदि के जरिए 50 से 60 हजार करोड़ रुपए खर्च हुआ होगा। इससे 1 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार हुआ या नहीं ये तो नहीं पता लेकिन एक बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी तो जरूर डेवलप हुई है।
महाकुंभ से होने वाली कमाई में होटल और रेस्टोरेंट वालों का हिस्सा अहम है। होटल एसोसिएशन का अनुमान है कि महाकुंभ के दौरान होटल संचालकों का बिजनेस करीब 2 हजार करोड़ के आस-पास हुआ है। UP होटल एसोसिएशन के सदस्य सर्वेश गोयल का कहना है कि महाकुंभ के दौरान 4 लाख करोड़ का बिजनेस हुआ है। 1 फीसदी लोगों भी अगर होटल में स्टे किया होगा तो होटलों को कई हजार करोड़ की धंधा मिला होगा।
महाकुंभ के आयोजन का फायदा प्रयागराज के अलावा अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट जैसी जगहों को भी हुआ। UP पर्यटन विभाग के सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि आर्थिक तौर पर प्रयाग आने वाले लोगों से अयोध्या, काशी, नैमिषारण्य के भी फायदा मिला है। इन जगहों पर जाने वालों ने लखनऊ को सेंटर बनाया। इससे लखनऊ को भी लाभ मिला। प्रयाग की ओर आनेवाले सभी मार्गों के ढाबे, गेस्ट हाउसेस होटल्स सब फुल थे। लिहाजा डीजल-पेट्रोल के सेल में इजाफा हुआ। तमाम नई बोट खरीदी गई। दो पहिया वाहनों और गाइड्स का भी इस्तेमाल हुआ।
महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अंत तक श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई कमी नहीं आई। 144 साल के महायोग में संपन्न हुए महाकुंभ ने प्रदेश की आर्थिक विकास की गति को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाई है।