Reuters poll: मार्च में भारत की रिटेल महंगाई दर इस साल पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित मान्य सीमा (टॉलरेंस लिमिट) के ऊपरी छोर से नीचे गिर कर 5.80 फीसदी पर रहने की संभावना है। महंगाई में आने वाली इस गिरावट में खाने-पीने की चीजों के भाव में आई कमी का सबसे बड़ा योगदान होगा। ये निष्कर्ष रायटर्स द्वारा अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए एक सर्वे से निकल कर आया है। देश के रिटेल महंगाई आंकड़े 12 अप्रैल को आने वाले हैं। गौरतलब है कि आरबीआई ने कल 6 अप्रैल को संपन्न हुई अपनी नीति बैठक में अपनी अहम दरों में कोई बदलाव न करके सबसे सरप्राइज कर दिया था। ये भी बताते चलें की आरबीआई की महंगाई की टॉलरेंस लिमिट 2-6 फीसदी है।
सब्जियों के भाव में कमी आने के कारण सुधार होने की उम्मीद
इस पोल के मुताबिक कुल रिटेल महंगाई में लगभग आधी हिस्सेदारी रखने वाली खाने-पीने वाली चीजों की महंगाई में सब्जियों के भाव में कमी आने के कारण सुधार होने की उम्मीद है। हालांकि कि अनाज की कीमतों में बढ़त के कारण ये गिरावट थोड़ी सीमित रह सकती है।
3-6 अप्रैल के बीच 39 अर्थशास्त्रियों के बीच कराया गया सर्वे
रायटर्स द्वारा 3-6 अप्रैल के बीच 39 अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए एक सर्वे से निकल कर आया है मार्च महीने में देश की रिटेले महंगाई फरवरी के 6.44 फीसदी से घटकर 5.80 फीसदी पर आ सकती है। बता दें कि महंगाई का आकलन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index (CPI) में होने वाले वार्षिक बदलाव के आधार पर किया जाता है। अगर इस पोल के निष्कर्ष सही साबित होते हैं तो इस ऐसा पहली बार होगा जब रिटेल महंगाई RBI की 6.00 फीसदी की अपर टॉलरेंस लिमिट से कम होगी।
मार्च में भारत की रिटेल महंगाई दर 5.40 से 6.40 फीसदी के बीच रहने का अनुमान
इस सर्वे में शामिल अर्थशास्त्रियों ने मार्च में भारत की रिटेल महंगाई दर 5.40 से 6.40 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है। सर्वे में शामिल 25 फीसदी अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मार्च में खुदरा महंगाई 6 फीसदी से ऊपर रहा सकती है। लेकिन बहुमत उन अर्थशास्त्रियों का है जिनका मानना है कि मार्च में देश की रिटेल महंगाई RBI की 6.00 फीसदी की अपर टॉलरेंस लिमिट से कम होगी। बता दें की जनवरी में खुदरा महंगाई दर 6.52 फीसदी पर थी। पिछले साल के अधिकांश हिस्से में ये 6 फीसदी से ऊपर रही थी।
तेल की कीमतों में बढ़त दे सकती है दर्द
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अर्थशास्त्री सुजीत कुमार का कहना है कि सब्जियों और ईंधन के भाव में आई गिरावट के चलते महंगाई में कमी आई है। लेकिन तेल की कीमतों में हाल के निचले स्तर से 20 फीसदी से अधिक की बढ़त के चलते ईंधन के भाव में तेजी आएगी। इससे एक बार फिर महंगाई में बढ़त देखने को मिल सकती है।
महंगाई पर आरबीआई का अनुमान
बताते चले कि कल यानी 6 अप्रैल 2023 को आरबीआई एमपीसी के फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि वित्त वर्ष 2024 में खुदरा महंगाई 5.2 फीसदी पर रहने का अनुमान किया गया है। आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में रिटेल महंगाई 5.1 फीसदी पर रह सकती है। वहीं, दूसरी तिमाही में रिटेल महंगाई 5.4 फीसदी पर रह सकती है। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में भी ये 5.4 फीसदी पर रह सकती है। वहीं, आरबीआई का मानना है कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई 5.2 फीसदी पर रह सकती है।