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क्या वाकई IRCTC आपका डेटा बेचने जा रही है? जानिए क्या है पूरा मामला

IRCTC टिकट बुक कराने के लिए पैसेंजर्स से उसका नाम, जेंडर, उम्र, पता, फोन नंबर और ईमेल आईडी मांगती है। रोजाना लाखों लोन आईआरसीटीसी के प्लेटफॉर्म से टिकट बुक कराते हैं। इससे इस कंपनी के पास 11.70 करोड़ पैसेंजर्स का डेटा है

अपडेटेड Aug 26, 2022 पर 12:34 AM
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आपके कई बार IRCTC की वेबसाइट से रिजर्वेशन टिकट बुक कराया होगा। IRCTC टिकट बुक कराने के लिए पैसेंजर्स से उसका नाम, जेंडर, उम्र, पता, फोन नंबर और ईमेल आईडी मांगती है। रोजाना लाखों लोन आईआरसीटीसी के प्लेटफॉर्म से टिकट बुक कराते हैं। इससे इस कंपनी के पास 11.70 करोड़ पैसेंजर्स का डेटा है। शायद ही किसी दूसरी कंपनी के पास इतने ज्यादा लोगों की निजी जानकारियां होंगी। इसी डेटा का इस्तेमाल आईआरसीटीसी पैसे कमाने के लिए करना चाहती है। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। आइए जानते हैं यह पूरा मामला क्या है।

आईआरसीटीसी ने पिछले हफ्ते एक टेंडर जारी किया था। इसका मकसद प्राइवेट कंसल्टेंट्स नियुक्त करना है। यह कंसल्टेंट आईआरसीटीसी को पैसेंजर्स के डेटा के इस्तेमाल से पैसे कमाने के बारे में सलाह देगा। दरअसल, IRCTC ने इस डेटा के इस्तेमाल से 1000 करोड़ रुपये की कमाई करने की योजना बनाई है। आईआरसीटीसी शेयर बाजार में लिस्टेड है। उस पर कमाई बढ़ाने के लिए शेयरहोल्डर्स का दबाव रहता है।

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एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेटा बेचकर पैसे कमाने की IRCTC का प्लान सही नहीं है। पैसेंजर्स को भी कंपनी का यह कदम ठीक नहीं लग रहा है। उनका मानना है कि वे आईआरसीटीसी को अपनी निजी जानकारियां सिर्फ टिकट की बुकिंग के लिए देते हैं। कंपनी की दूसरे काम के लिए उनकी निजी जानकारियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती। एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि IRCTC का यह कदम ठीक नहीं है। लोगों की निजी जानकारियों का पैसे कमाने के लिए इस्तेमाल गलत है।

मीडिया में इस मसले पर बहस बढ़ने पर आईआरसीटीसी ने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि IRCTC ने डेटा बेचने के प्लान से इनकार किया है। कंपनी ने कहा है कि वह सिर्फ डेटा के इस्तेमाल को लेकर बिजनेस अपॉर्चुनिटी तलाशने की कोशिश कर रही है। उसने यह भी कहा है कि उसने कोई टेंडर जारी नहीं किया है बल्कि वह सिर्फ 'एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट है।'

किसी सरकारी कंपनी का डेटा बेचकर पैसा कमाने की यह पहली कोशिश नहीं है। 2019 में ट्रांसपोर्ट अथॉरिटीज के डेटा बेचकर 65 करोड़ रुपये कमाए थे। इसमें लोगों की गाड़ियों के इश्योरेंस और ड्राइविंग लाइसेंस सहित कई दूसरी जानकारियां थीं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन जानकारियों के इस्तेमाल से लोगों से जुड़ी दूसरी जानकारियां भी हासिल की जा सकती हैं। इनमें आपका नाम, पता, उम्र, आपकी गाड़ी की डिटेल, आपके फाइनेंसर सहित दूसरी चीजें शामिल हो सकती हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी इंडिया में डाटा की प्राइवेसी के लिए कोई कानून नहीं है। एक कानून IT Act of 2000 है जो बहुत पुराना है। इसका फोकस डेटा के मालिकाना हक पर नहीं है। इसमें सिर्फ यह कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति के डेटा का दुरूपयोग होता है तो वह मुआवजे का दावा कर सकता है। डाटा प्रोटेक्शन के लिए नया कानून लंबे समय से लंबित है। यह कानून कब लागू होगा, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है। इसलिए आईआरसीटीसी के डेटा के मॉनेटाइजेशन के प्लान से एक बड़ी चर्चा शुरू हो गई है।

MoneyControl News

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First Published: Aug 25, 2022 1:27 PM

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