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नीति आयोग ने कचरा पैदा करने वालों से कलेक्शन शुल्क लेने का दिया सुझाव, जानें पूरी डिटेल

यह शुल्क कचरे के निपटान की कुल मात्रा के अनुपात में लगाने का सुझाव दिया गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 30, 2021 पर 6:04 PM
नीति आयोग ने कचरा पैदा करने वालों से कलेक्शन शुल्क लेने का दिया सुझाव, जानें पूरी डिटेल
देश में सालाना 4.98 करोड़ टन कचरा पैदा होता है

सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग (NITI Aayog) ने कचरा पैदा करने वालों से कलेक्शन शुल्क लेने का सुझाव दिया है। यह शुल्क कचरे के निपटान की कुल मात्रा के अनुपात में लगाने का सुझाव दिया गया है। आयोग ने यह भी कहा कि गीले कचरे का निपटान कंपोस्टिंग के जरिए जबकि सूखे कचरे को स्थानीय रद्दी सामान लेने वाले को बिक्री के माध्यम से निपटाया जा सकता है।

आयोग ने कहा कि कचरा पैदा करने वालों से कचरे के निपटान की कुल मात्रा के अनुपात में कलेक्शन शुल्क लिया जा सकता है। साथ ही कचरे को अलग-अलग करने, उसका स्रोत स्तर पर ही निपटान करने के लिए कचरा पैदा करने वाले को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे छोटी राशि ही मुंसिपल सिस्टम को देने की जरूरत होगी।

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ये सुझाव कचरा पैदा होने वाले स्थान पर ही उसे अलग करने तथा निपटान को लेकर वित्तीय प्रोत्साहन देने और इसके उलट हतोत्साहित करने के नीति आयोग के प्रस्ताव का हिस्सा हैं। वास्तव में भारत वेस्ट जनरेशन में वृद्धि से जूझ रहा है जिसके 2050 तक तीन गुना बढ़ने की आशंका है।

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