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ग्रोथ को लेकर चिंता नहीं, अगली तिमाही से इकोनॉमी पकड़ेगी रफ्तार - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में हो रहे इंडिया-जापान फोरम के उद्घाटन सत्र में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने धीमी ग्रोथ के लिए चुनावी गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि, इलेक्टोरल प्रोसेस में फंसने की वजह से सरकारों का फोकस कैपिटल और पब्लिक एक्सपेंडिचर पर से हटा गया था

अपडेटेड Dec 06, 2024 पर 5:50 PM
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा इस समय देश में कोई सिस्टेमिक स्लोडाउन नहीं है बल्कि इसमें ग्लोबल डिमांड में भी कमी से प्रभाव पड़ा है

भारत में कोई स्लोडाउन नहीं है। ये कहना है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का। दूसरी तिमाही में GDP के खराब नंबर पर वित्तमंत्री ने कहा कि अगली तिमाही में ग्रोथ पिकअप करेगी। इस साल चुनावों की वजह से स्पेंडिंग कम होने से थोड़ी बहुत सुस्ती आई लेकिन ये अगली तिमाही तक ठीक हो जाएगा। उन्होंने एक बार फिर से दावा किया कि भारत इस साल ही नहीं अगले कुछ सालों तक दुनिया की सबसे तेज रफ्तार वाली इकोनॉमी रहेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बयान में आगे कहा कि चुनावी गतिविधियों पर सरकारों का ज्यादा फोकस रहा। केंद्र और राज्य सरकारों का रूझान चुनाव में था। इसके चलते पहली और दूसरी तिमाही में इकॉनोमी की रफ्तार धीमी हो गई। इलेक्टोरेल प्रोसेस में फंसने से सरकारों का ध्यान बंटा जिसका असर ग्रोथ पर देखने को मिला।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में हो रहे इंडिया-जापान फोरम के उद्घाटन सत्र में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने धीमी ग्रोथ के लिए चुनावी गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि, इलेक्टोरल प्रोसेस में फंसने की वजह से सरकारों का फोकस कैपिटल और पब्लिक एक्सपेंडिचर पर से हटा गया था। मगर अब इसकी भरपाई होगी और भारत आने वाले समय में सबसे तेज रफ्तार से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।


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उन्होंने आगे कहा कि 2024 जैसा ही पैटर्न 2019 में भी देखने को मिला था जब इलेक्शन मैनेजमेंट में नए सिर्फ पॉलिटिकल पार्टियां बल्कि सरकार और ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह से इन्वॉल्व दिखी थी। इस समय देश में कोई सिस्टेमिक स्लोडाउन नहीं है बल्कि इसमें ग्लोबल डिमांड में भी कमी से प्रभाव पड़ा है। विकसित देशों में डिमांड की कमी से इंडिया जैसे एक्सपोर्ट करने वाले देश के लिए जरूर चिंता का विषय है। लेकिन उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में सभी कमी की भरपाई होगी और आर्थिक विकास की रफ्तार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।

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