चालू कारोबारी साल की पहली छमाही के मुकाबले दूसरी छमाही बेहतर हो सकती है। लेकिन अभी भी चिंताएं बरकरार हैं। नवंबर की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट पर डिटेल्स से ये बातें निकल कर आई है। इस पर और ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज के इकोनॉमिक पॉलिसी एडीटर लक्ष्मण रॉय ने बताया कि नवंबर की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट दूसरी छमाही बेहतर होने का अनुमान है। दूसरी छमाही पहली छमाही से बेहतर हो सकती है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अगले साल में ग्लोबल रिस्क बने रहने के आसार हैं। जिसके चलते ग्लोबल ट्रेड में वॉलेटिलिटी बनी रह सकती है। स्टॉक मार्केट को लेकर भी आशंकाएं हैं। बाजार लंबे समय तक इरेशनल रह सकता है। यह अनुमान से ज्यादा समय तक इरेशनल रह सकता है।
फाइनेंस मिनिस्ट्री की नवंबर आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत को पॉलिसी रेट पर गहराई से सोचना होगा। डॉलर की मजबूती से इमर्जिंग मार्केट पर दबाब है। US में पॉलिसी रेट से इमर्जिंग मार्केट पर दबाव है। एलिवेटेड स्टॉक मार्केट अब भी बड़ा जोखिम है। ग्लोबल ट्रेड में अनिश्चितता बनी रह सकती है। अगले साल में भी ग्लोबल रिस्क बने रहने के आसार। H1 के मुकाबले H2 बेहतर होने के अनुमान। चालू कारोबारी साल में GDP ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है।