PM Modi in Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी में 'काशी तमिल संगमम (Second Edition of Kashi Tamil Sangamam in Varanasi)' के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन रविवार शाम को नमो घाट से 'काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam 2.0)' के दूसरे संस्करण की शुरुआत की। इस दौरान पीएम मोदी ने कन्याकुमारी से बनारस के लिए 'काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस (Kashi Tamil Sangamam Express)' को भी डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
'काशी तमिल संगमम' के दूसरे संस्करण में साहित्य, प्राचीन ग्रंथ, दर्शन, अध्यात्म, संगीत, नृत्य, नाटक, योग और आयुर्वेद पर व्याख्यान भी होंगे। इसके अलावा इनोवेशन, व्यापार, ज्ञान विनिमय, शिक्षा तकनीक और अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी पर सेमिनार कराने की योजना बनाई गई है। रविवार 17 दिसंबर से 31 दिसंबर तक आयोजित होने वाले 'काशी तमिल संगमम 2.0' के दौरान तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के 1,400 लोग वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा करेंगे।
एक सरकारी बयान के मुताबिक, कार्यक्रम में तमिलनाडु और काशी की कला, संगीत, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन एवं अन्य विशेष उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसके अलावा काशी और तमिलनाडु की संस्कृतियों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा। पीएम मोदी करीब सवा 3 बजे विशेष विमान ने बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे। इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी अगवानी की। इस दौरान पीएम मोदी के स्वागत में खड़े लोगों ने उनके नारे लगाए।
प्रधानमंत्री मोदी रविवार 17 दिसंबर को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। वह अपने इस दौरे के दौरान काशी तथा आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की 37 परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन करेंगे। काशी पहुंचने के बाद पीएम मोदी के काफिले पर लोगों ने फूलों की पंखुड़ियों से वर्षा की। इसी दौरान उनका कारवां रोककर एक एंबुलेंस को रास्ता दिया गया।
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
- सांस्कृतिक महोत्सव के उद्घाटन पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आप सभी यहां सिर्फ मेहमान होने से ज्यादा, मेरे परिवार के सदस्य के रूप में आए हैं। मैं काशी तमिल संगमम में आप सभी का स्वागत करता हूं।" उन्होंने आगे कहा कि वाराणसी में 'काशी तमिल संगमम' की आवाज पूरे देश में, पूरी दुनिया में जा रही है। मैं इस आयोजन के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों को, यूपी सरकार को और तमिलनाडु के सभी नागरिकों को बधाई देता हूं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है, महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना...। तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है- मदुरै मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना। इसीलिए,तमिलनाडु और काशीवासियों के बीच हृदय में जो प्रेम है, जो संबंध है, वो अलग और अद्वितीय है।"
- उन्होंने आगे कहा, "'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की ये भावना उस समय भी नजर आई जब हमने संसद के नए भवन में प्रवेश किया। नए संसद भवन में पवित्र सेंगोल की स्थापना की गई है। आदीनम् के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल 1947 में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना का यही प्रवाह है, जो आज हमारे राष्ट्र की आत्मा को सींच रहा है।"
- पीएम मोदी ने कहा, "जब उत्तर में आक्रांताओं द्वारा हमारी आस्था के केन्द्रों पर, काशी पर आक्रमण हो रहे थे, तब राजा पराक्रम पाण्डियन् ने तेनकाशी और शिवकाशी में ये कहकर मंदिरों का निर्माण कराया कि काशी को मिटाया नहीं जा सकता।" उन्होंने कहा कि आप दुनिया की कोई भी सभ्यता देख लीजिये, विविधता में आत्मीयता का ऐसा सहज और श्रेष्ठ स्वरूप आपको शायद ही कहीं मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "दुनिया के दूसरे देशों में राष्ट्र एक राजनीतिक परिभाषा रही है, लेकिन भारत एक राष्ट्र के तौर पर आध्यात्मिक आस्थाओं से बना है। भारत को एक बनाया है आदि शंकराचार्य और रामानुजाचार्य जैसे संतों ने, जिन्होंने अपनी यात्राओं से भारत की राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया।"