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India-China Ties: 'मतभेद विवाद में तब्दील नहीं हों': भारत-चीन संबंधों पर पीएम मोदी ने की खुलकर बात

PM Modi Podcast with Lex Fridman: अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ तीन घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर हम सदियों पीछे मुड़कर देखें तो भारत और चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि मतभेद, विवाद में तब्दील नहीं हों

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Mar 16, 2025 पर 11:11 PM
India-China Ties: 'मतभेद विवाद में तब्दील नहीं हों': भारत-चीन संबंधों पर पीएम मोदी ने की खुलकर बात
PM Modi Podcast with Lex Fridman: पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है (फाइल फोटो- REUTERS)

PM Modi Podcast with Lex Fridman: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के पॉडकास्ट इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन को "स्वस्थ और स्वाभाविक" प्रतिस्पर्धा में शामिल होना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मतभेद विवाद में न बदल जाएं। चीन के साथ पूर्व में तनाव के बावजूद पीएम मोदी ने विवाद के बजाय बातचीत का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेद स्वभाविक हैं। लेकिन मजबूत सहयोग दोनों पड़ोसियों के हित में है। यह वैश्विक स्थिरता के लिए भी आवश्यक है।

लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन सीमा पर 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़पों से पहले वाली स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। बता दें कि साल 1975 के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच टकराव ने संघर्ष का रूप ले लिया था। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के जवानों की मौत हुई थी।

पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए कहा, "हालांकि, राष्ट्रपति शी के साथ हाल में हुई बैठक के बाद हमने सीमा पर सामान्य स्थिति की वापसी देखी है। हम अब 2020 से पहले की स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं।"

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, विश्वास, उत्साह और ऊर्जा वापस आनी चाहिए। लेकिन स्वाभाविक रूप से, इसमें कुछ समय लगेगा, क्योंकि पांच साल हो गए हैं।" PM मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी है, बल्कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है।

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