किसी अपने की मृत्यु के बाद आधार कार्ड निष्क्रिय न करने से पहचान चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी का खतरा बढ़ जाता है। UIDAI के अनुसार, सक्रिय आधार से फर्जी बैंक खाते, पेंशन हड़पना या सब्सिडी का दुरुपयोग हो सकता है, साथ ही वोटर लिस्ट में बोगस नाम भी बने रहते हैं। समय पर डीएक्टिवेशन से ये जोखिम खत्म हो जाते हैं।
