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REITs अब शेयरों से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स माने जाएंगे, सेबी का फैसला 1 जनवरी से होगा लागू

SEBI ने REITs की कैटेगरी में बदलाव से जुड़ा एक सर्कुलर 28 नवंबर को जारी किया। इसमें कहा गया है कि 1 जनवरी, 2026 से REITS में म्यूचुअल फंड्स और SIF की तरफ से होने वाले निवेश को इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में इनवेस्टमेंट माना जाएगा

Market Deskअपडेटेड Nov 28, 2025 पर 10:46 PM
REITs अब शेयरों से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स माने जाएंगे, सेबी का फैसला 1 जनवरी से होगा लागू
SEBI ने कहा है कि छह महीने के ट्रांजिशन विंडो बीत जाने पर 1 जुलाई, 2026 के बाद REITs को शेयरों के सूचकांकों में शामिल किया जाएगा।

रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी) अब इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स माने जाएंगे। सेबी ने आरईआईटी के क्लासिफिकेशन में बदलाव कर दिया है। रेगुलेटर का यह फैसला 1 जनवरी, 2026 से लागू होगा। इससे आरईआईटी में म्यूचुअल फंड्स और स्पेशियलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड्स (एसआईएफ) का निवेश बढ़ेगा। हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट्स ट्रस्ट्स (इनविट्स) हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स की कैटेगरी में बने रहेंगे।

सेबी ने 28 नवंबर को जारी किया सर्कुलर

SEBI ने REITs की कैटेगरी में बदलाव से जुड़ा एक सर्कुलर 28 नवंबर को जारी किया। इसमें कहा गया है, "1 जनवरी, 2026 से REITs में म्यूचुअल फंड्स और SIF की तरफ से होने वाले किसी निवेश को इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में इनवेस्टमेंट माना जाएगा।" सेबी ने 31 दिसंबर, 2025 तक म्यूचुअल फंड्स की डेट स्कीम और एसआईएफ स्ट्रेटेजी की REITs में होल्डिंग को ग्रैंडफादरिंग की इजाजत दे दी है। हालांकि, फंड हाउसेज को मार्केट की स्थितियों और इनवेस्टर की दिलचस्पी के आधार पर धीरे-धीरे इस निवेश को निकालने को कहा गया है।

म्यूचुअल फंडों को अपने डेट पोर्टफोलियो से हटाना होगा

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