Pragati Maidan Tunnel: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 920 करोड़ रुपये से अधिक की प्रगति मैदान इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर प्रोजेक्ट (Pragati Maidan Integrated Transit Corridor Project) का उद्घाटन किया। इस प्रोजेक्ट में एक सुरंग (tunnel) और 5 अंडरपास शामिल हैं। इससे देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को जाम से छुटकारा मिलगा।
प्रगति मैदान मेन टनल 1.6 किलोमीटर लंबी है। यह दिल्ली की पहली सुरंग है। इसके जरिए इंडिया गेट और सेंट्रल दिल्ली के अन्य क्षेत्र पूर्वी दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से जुड़ गए हैं। सुरंग के साथ 5 अंडरपास भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।
यह कॉरिडोर 6 लेन का है। कॉरिडोर की मुख्य सुरंग प्रगति मैदान से गुजरते हुए पुराना किला रोड होते हुए रिंग रोड को इंडिया गेट से जोड़ती है। इसके जरिए प्रगति मैदान की विशाल बेसमेंट पार्किंग तक पहुंचा जा सकता है। सुरंग में जलभराव की आशंका से निपटने के लिए बारिश के पानी को इकट्ठा करने और बाहर निकालने के लिए 7 पंप लगाए गए हैं। बता दें कि सुरंग का निर्माण काम मार्च 2018 में शुरू हुआ था। सितंबर 2019 तक पूरा होने वाला था। निर्माण काम में कई तरह कठिनियां सामने आ रही थीं। लिहाजा इसकी डेडलाइन बढ़ाकर जून 2020 तक कर दिया गया। बाद में COVID-19 लॉकडाउन के चलते इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन दिसंबर 2020 और फिर मार्च मार्च 2022 तक कर दिया गया।
सुरंग की दीवारों पर बनाई गईं कलाकृतियां
प्रगति मैदान टनल के अंदर करीब 100 सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। जिसके जरिए आवागमन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। भैरों मार्ग पर सुरंग और अंडरपास से प्रगति मैदान के लिए डेडिकेटेड एंट्री एंड एग्जिट पॉइंट बनाए गए हैं। भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाली वॉल पेंटिंग, पक्षियों के चित्र और कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश के विभिन्न हिस्सों में 6 मौसमों को प्रदर्शित करने वाली कलाकृतियां सुरंग की दोनों दीवारों पर उकेरी गई हैं। वहीं प्रधानमंत्री जब कॉरिडोर का निरीक्षण कर रहे थे उसी वक्त उनको किनारे रैपर दिखाई पड़ा जिसको उन्होंने उठाया। थोड़ी दूर बाद पानी की बोतल दिखी, उसे भी उठाया। पीएम मोदी इसके पहले भी कई मौकों पर सफाई को लेकर संदेश देते रहे हैं। उन्होंने आगे बढ़कर इस दिशा में प्रयास भी किया है।
क्यों थी प्रगति मैदान कॉरिडोर की जरूरत?
दिल्ली सरकार के PWD विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक रिंग रोड, मथुरा रोड और भैरों मार्ग पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। चौराहों और आसपास के केंद्रों जैसे गाजियाबाद, नोएडा, NCR क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास के चलते इन तीनों सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ गई। दिल्ली-मथुरा एक्सप्रेस-वे के कारण ट्रैफिक लोड और बढ़ गया।