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Wayanad Landslides: पीएम मोदी इस सप्ताह भूस्खलन से प्रभावित वायनाड का कर सकते हैं दौरा

Wayanad Landslides: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद में बोलते हुए वायनाड में भूस्खलन के कारण प्रभावित लोगों के लिए 'उच्च मुआवजे' और 'व्यापक पुनर्वास पैकेज' की मांग की। राहुल गांधी ने सरकार से वायनाड में हाल ही में हुई भूस्खलन को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने की भी मांग की

अपडेटेड Aug 08, 2024 पर 10:20 AM
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Wayanad Landslides: 30 जुलाई को हुए भूस्खलन में 400 से अधिक लोगों की जान चली गई है

PM Modi Visit Landslide-hit Wayanad: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह के आखिरी में केरल के वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी वायनाड का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इसके बाद भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में कुछ लोगों से मुलाकात भी करेंगे। 30 जुलाई को हुए भूस्खलन में 400 से अधिक लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। भारतीय सेना, NDRF और स्थानीय इमरजेंसी विभागों ने अपने व्यापक खोज और बचाव अभियान को जारी रखा है, जिसमें टीमें अब वन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

केरल सरकार ने खोज प्रयासों में लापता लोगों के परिवारों और स्थानीय निवासियों की मदद ली है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संसद में बोलते हुए वायनाड में भूस्खलन के कारण प्रभावित लोगों के लिए 'उच्च मुआवजे' और 'व्यापक पुनर्वास पैकेज' की मांग की। राहुल गांधी ने सरकार से वायनाड में हाल ही में हुई भूस्खलन को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने की भी मांग की।

मरने वालों की संख्या 413 पहुंची


वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 413 पहुंच गई है। जबकि 152 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। बचाव अभियान अभी भी जारी है। रक्षा बलों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और स्वयंसेवकों के कर्मियों वाली 1,000 से अधिक सदस्यीय बचाव टीम ने गुरुवार सुबह चार सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों चूरलमाला, वेल्लारीमाला, मुंडक्कई और पुंचिरिमाडोम में तलाशी अभियान शुरू किया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि जब तक रक्षा बल कोई फैसला नहीं ले लेते, तलाशी अभियान जारी रहेगा।

कई लोगों के फंसे होने की आशंका

वर्तमान में सर्च अभियान अब उन क्षेत्रों में चल रहा है जहां लोग रहते थे और 30 जुलाई को सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा आने के बाद फंसे हुए थे। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को बताया था कि वायनाड जिले के चार गांवों में हुई त्रासदी के बाद मलप्पुरम जिले में स्थित नीलांबुर और उसके आसपास के इलाकों में चलियार नदी से 76 शव और शरीर के कई अंग बरामद किए गए हैं। बुधवार को भी बचाव टीम चलियार नदी में सर्च अभियान चला रही है। प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में 100 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां वर्तमान में 10,300 से अधिक लोग रह रहे हैं।

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कुछ दिन पहले तक कोई आरोप-प्रत्यारोप नहीं था। सारा ध्यान बचाव, राहत और पुनर्वास पर था। लेकिन, अब सीएम विजयन पर निशाना साधते हुए वाकयुद्ध शुरू हो गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसे मानव निर्मित आपदा करार दिया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने मांग की है कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में आने वाले पैसे का उचित उपयोग किया जाना चाहिए। देश के सबसे लंबे समय तक रक्षा मंत्री रहे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने आपदा के बाद पुनर्वास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने और राजनीतिक लाभ उठाने में शामिल न होने का आह्वान किया है।

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